भारतीय लोगों के साथ एक खास बात ये होती है कि ये हर बीमारी के लिए दवाओं की बजाय घरेलू नुस्खों पर ज्यादा जोर देते हैं। दरअसल घरेलू नुस्खे किसी भी रोग का प्राकृतिक इलाज करने में सक्षम होते हैं। साथ ही साथ इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। बनाने में आसान और सस्ते इन नुस्खों से बीमारी की जड़ पर वार होता है। हमारे रसोईघरों में इस्तेमाल होने वाली लगभग हर सब्जी, मसाले तथा अन्य सामग्री अदभुत औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। इन्हीं सामग्रियों में एक है तेज पत्ता। इसका इस्तेमाल खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है लेकिन इसके औषधीय गुण जोड़ों के दर्द और सिरदर्द के जादुई उपचार होते हैं।
तेज पत्ता हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह हमारी तंत्रिका तंत्र को काफी आराम पहुंचाता है। तनाव, चिंता तथा अन्य मानसिक परेशानियों से निजात पाने में तेजपत्ता काफी लाभकारी है। दर्द के उपचार में तेजपत्ते का तेल बहुत ही ज्यादा लाभकारी होता है।
कैसे बनाएं तेजपत्ते का तेल – 250 ग्राम ऑलिव ऑयल में 30 ग्राम कुचले हुए तेजपत्ते को भिगोकर रख दीजिए। अब इस मिश्रण को एक बॉटल में भरकर दो हफ्ते के लिए किसी अंधेरी जगह पर रख दीजिए। दो हफ्ते बाद इस तेल को किसी कपड़े से छानकर दूसरे कंटेनर में रख लीजिए। अब जब भी कहीं दर्द हो तो उस पर यह तेल लगाइए।
और भी हैं फायदे – जोड़ों के दर्द और सिरदर्द में तेज पत्ते के अद्भुत फायदों के अलावा भी इसके ढेर सारे फायदे हैं। तो चलिए जानते हैं कि ये फायदे कौन-कौन से हैं –
1. सरदर्द, बुखाक आदि में इस्तेमाल की जाने वाली दवा एस्पिरिन की जगह पर तेज पत्ते का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दर्द निवारक की तरह भी काम करता है।
2. यह पेट दर्द में बहुत लाभकारी होता है। साथ ही यह भूख बढ़ाने में भी मददगार होता है।
3. त्वचा संबंधी कई समस्याएं मसलन – मुंहांसे, रोमछिद्रों का बंद होना आदि तेजपत्ते के तेल की मदद से सही किए जा सकते हैं।
4. यह दिमागी सक्रियता को बढ़ाने का काम करता है और शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को पसीने के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में बाहर निकालने में मदद करता है।