The woman gave a flaw in the government hospital! Know the reason …
महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां अपने नवजात बच्चे के इलाज के पैसे ना होने के कारण एक महिला ने सरकारी अस्पताल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दरअसल, सरकारी अस्पताल दवाई न होने का हवाला देकर लगातार महिला के परिवार पर बाहर से दवाई खरीदकर लाने का दबाव बना रहा था. खराब आर्थिक स्थिति के कारण महिला का पति दवाई लाने में असमर्थ था. ऐसे में उसने अस्पताल परिसर में ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
जानकारी के मुताबिक, मृतक महिला राधिका ने लातूर के एक सरकारी अस्पताल में 27 मई को बेटे को जन्म दिया. डिलीवरी सिजेरियन हुई थी और बच्चा भी अस्वस्थ था. डिलीवरी के बाद बच्चे को पीलिया हो गया. ऐसे में डॉक्टरों ने उसे इनक्यूबेटर में रखा. अस्पताल ने राधिका और उसके पति को बताया कि अस्पताल में दवाइयों की सप्लाई कम है इसलिए वह बाहर से दवाई खरीकर लाए.
मजदूरी कर अपना और परिवार का पेट पालने वाले राधिका के पति के लिए रोजाना लगभग 1000 रुपए की दवाइयां खरीदना भारी पड़ रहा था. इस कारण से वह तनाव में थी. राधिका के पति ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उसने कहा कि राधिका का ऑपरेशन ठीक से नहीं किया गया. इसके बाद बच्चे के लिए दवाइयां भी बाहर से लाने के लिए कह दिया गया. वह बहुत परेशान थी, रो रही थी. मैं सोमवार की शाम किसी से पैसे उधार लेने गया. इस बीच राधिका ने अस्पताल में ही फांसी लगाकर जान दे दी.
वहीं, अस्पताल प्रशासन ने इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहा है. आज भी सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी बडी समस्या बनी हुई है. यहां गरीब तबके के लोग इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां न होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.