रणजी ट्रॉफी में सात बार की चैम्पियन रही दिल्ली की टीम को हराकर नया इतिहास रचने वाली विदर्भ की टीम के खिलाड़ी वसीम जाफर ने बिना फिस लिए मैच खेले हैं। कभी टीम इंडिया के लिए खेलने वाले क्रिकेटर जाफर ने इसके पीछे बड़ी वजह भी बताई है। दिए एक इंटरव्यू में जाफर ने बताया कि इस सत्र में उन्होंने विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन से बिना फीस लिए रणजी ट्रॉफी खेली है और इसके पीछे बहुत ही बड़ा कारण है। उन्होंने कहा, ‘उनके साथ पिछले सत्र (2016-17) में मैंने कॉन्ट्रैक्ट किया था, जिसमें मुझे तीन इंस्टॉलमेंट्स (अक्टूबर, जनवरी और मार्च) में फीस दी जानी थी। वे लोग मुझे रणजी ट्रॉफी में खिलाना चाहते थे। हालांकि ऐसा नहीं हो सका क्योंकि मैं चोटिल हो गया, लेकिन उन्होंने बिना किसी रुकावट के मुझे मेरी फीस दी।’
वसीम जाफर ने बताया, ‘चोटिल होने के कारण मैं अक्टूबर में खेल नहीं सका इसलिए उन्होंने मुझे पैसे भी नहीं दिए जो कि सही था, लेकिन जनवरी तक मैं खेलने के लिए पूरी तरह से फिट हो गया था, लेकिन उन्होंने मुझसे खेलने के लिए नहीं था। हालांकि उन्होंने मेरे कॉन्ट्रैक्ट की इज्जत करते हुए मुझे पैसे दिए। मैं उनका यह एहसान लौटाना चाहता था इसलिए मैंने उनसे कहा कि इस सत्र के दौरान मैं बिना फीस लिए खेलूंगा और मेरा यह फैसला उनके और मेरे लिए फायदेमंद साबित हुआ।’
जाफर का कहना है, ‘मैं ऐसी टीम में जाना चाहता था जहां मेरे खेलने के लिए जगह हो। मैं युवा खिलाड़ियों को गाइड करके योगदान देना चाहता था। मैंने सही फैसला लिया।’ फाइनल मैच में अर्धशतक बनाने वाले इस खिलाड़ी का कहना है, ‘विदर्भ के पास एक अच्छा विजन है। वह चाहते हैं कि उनके युवा खिलाड़ी अच्छा खेलें। इससे यह साफ होता है कि वह अपने क्रिकेट को बेहतर करना चाहते हैं। उस टीम के तीन खिलाड़ी एशिया कप के लिए भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा थे।’ बता दें कि विदर्भ ने इस बार दिल्ली को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में नौ विकेट से हराते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब पर कब्जा किया। विदर्भ को दिल्ली ने जीत के लिए 29 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे उसने पांच ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया।