Saturday, April 12, 2025
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क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर का आज 45 वां जन्मदिन

SI News Today

पूरे विश्व में जब-जब क्रिकेट की बात होती है तब एक नाम सबकी जुबां पर जरूर आता है और वो नाम है मास्टर-बल्लास्टर#sachintendulkar।आज सचिन का जन्म दिन है और वो आज 45 साल के हो गए हैं। आपको सचिन की आज एक ऐसी कहानी बाताएंगे जिसके बाद से तय हो गया था कि ये 16 साल का सचिन आगे चलकर मास्टर ब्लास्टर के नाम से जाना जाएगा।

नवंबर 1989-

इस महीने भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। इस दौरे में खास बात ये थी कि भारतीय टीम में 16 साल की उम्र के सचिन तेंदुलकर को शामिल किया गया था। 15 नवंबर को हुए पहले टेस्ट मैच में सचिन को खेलने का मौका मिला और उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू हुआ। 9 दिसंबर तक सचिन ने तीन टेस्ट मैच खेले और एक अर्धशतक के साथ 123 रन बनाए। लेकिन सचिन को भी नहीं पता था कि चौथे मैच में उनका असली टेस्ट होगा।

09-दिसंबर-1989

इस सीरीज का चौथा मैच सियालकोट में होना था। अब तक खेले गए तीनों मैचों में पाकिस्तान ने भारत को हराया था। इमरान खान की कप्तानी वाली पाकिस्तान की टीम का शानदार पेस अटैक था। टीम में इमरान खान, वकार यूनुस और वसीम अकरम जैसे आक्रामक गेंदबाज मौजूद थे जिनका सामना 16 साल के सचिन को करना था। इस मैच की पहली पारी में सचिन ने 35 रन बनाए। लेकिन दूसरी पारी में जो हुआ उससे सचिन ने सभी के लिए एक मिसाल कायम कर दी।

इस मैच में ईमरान खान के आदेश के मुताबिक पिच पर काफी घांस छोड़ी हुई थी जिससे पाकिस्तान के गेंदबाज और ज्यादा घातक बन गए थे। जब सचिन बल्लेबाजी करने आए तो क्रिज पर नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे और टीम ने 38 रन पर अपने 4 विकेट गवां दिए थे। सिद्धू को भी कई बार वकार की गेंद लग चुकी थी। 16 साल के सचिन पिच पर आए ही थे और कुछ ही देर बाद वकार की बेहद तेज बाउंसर गेंद उनके बल्ले से लग कर सीधे सचिन की नाक पर लगी। सचिन की नाक से खून बहना शुरू हुआ और वो जमीन पर गिर गए। एक वीडियो में सिद्धू ने बताते हैं कि सचिन की नाक पर बुरी तरह से चोट आई और बहुत ज्यादा मात्रा में खून बहने लगा।

टीम के फीजिओ ने आकर सचिन के सर पर बरफ लगाई, उन्हें सैरेडोन गोली खिलाई और स्ट्रैचर मंगवाया। सिद्धू ने बताया कि उन्हें लग रहा था कि सचिन अब बच भी पाएंगे या नहीं तभी उन्हें सचिन की धीमी से अवाज सुनाई दी ‘मैं खेलेगा, मैं खेलेगा’। वकार की अगली गेंद का सामना एक बार फिर चोटिल हुए 16 साल के सचिन को करना था। वकार की अगली गेंद यॉर्कर आई और जितनी तेजी से उन्होंने गेंद फेंकी थी उससे ज्यादा तेज सचिन ने उन्हें चौका जड़ा। वकार ने सचिन की तरफ जाकर उन्हें घूर कर देखा और सचिन ने मराठी में उन्हें कुछ अप शब्द कहे। इस पारी में सचिन ने 57 रन बनाए थे।इस दिन के बाद से अपने रिटायरमेंट तक सचिन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और दुनिया के लिए क्रिकेट के भगवान बन गए।

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