Tuesday, December 17, 2024
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जब दंगाइयों से घिरे थे सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना, अनुपम को सुनाई कहानी…

SI News Today

जाने माने सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना ने फिल्म अभिनेता अनुपम खेर को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार वह दंगों में फंस गए थे और एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें बचाया था। विकास खन्ना का यह वीडियो सितंबर 2017 का है, लेकिन अब एक बार फिर सोशल मीडिया पर यह वायरल होने लगा है। इस वीडियो का जिक्र इसलिए जरूरी हो चला है क्यों कि कासगंज हिंसा के बाद से लोगों में भारी गुस्सा है। प्रशासन लगातार शांति कायम करने की कोशिशें कर रहा है। इंटरव्यू में शेफ विकास खन्ना ने बताया- ”एक होटल था यहां पर शीरॉक्स, 1992 में मुझे मौका मिला यहां काम करने का रूम सर्विस में, दंगों के दौरान। मैं आया बॉम्बे 1 नवंबर को, होटल में ज्वाइन किया, वह इस इंडस्ट्री में काम करने का मेरा सबसे निर्णायक पल था। और पहली बार घर से निकले बच्चों को पता भी नहीं होता, मैं शीरॉक्स में काम कर रहा हूं और क्या हो गया कि राइट्स हो रहे थे तो कर्फ्यू लग गया।

जो होटल का स्टाफ है वो बाहर नहीं जा सकता था, क्योंकि आपको सभी मेहमानों को देखना होता है। तो हमको कहा गया कि बाहर नहीं जाना, क्यों कि नया स्टाफ आ नहीं सकता। तो रूम सर्विस का सामान खत्म होना शुरू हो गया। मेरा काम होता था, अंडे-दालें, जो चीजें स्टोरेज में होती थीं, वह बनाना होता था। किसी ने कहा कि घाटकोपर में आग लग गई है, और बहुत लोग जल रहे हैं घाटकोपर में। मेरा भाई घाटकोपर में रहा करता था। मैंने वहीं से यूनीफॉर्म फेंकी, मैं होटल से निकलकर आया बाहर, मैंने कहा कि घाटकोपर जा रहा हूं, मेरा भाई घाटकोपर में है। वो कह रहे थे कि बिल्डिंग्स को आग लग रही वहां पे। ट्रक सप्लाई वाले जा रहे थे, तो मैंने कहा कि मुझे खास स्टेशन तक छोड़ दोगे। उसने कहा- ”हां।” खास स्टेशन गया तो वहां कोई ट्रेन नहीं चल रही थी। तो वहां पता करते-करते मैं घाटकोपर की तरफ बढ़ता गया।

हर जगह दंगे-फसाद हो रहे थे। एक क्रॉस सेक्शन था बहुत ज्यादा। वहां पे एक मुस्लिम फैमिली में… उन्होंने कहा- ”क्या कर रहे हो बेटा?” मैंने कहा मेरा भाई घाटकोपर में है, रास्ता नहीं समझ आ रहा मेरे को। मुझे चलते-चलते दो-ढाई घंटे हो चुके थे। उन्होंने कहा- ”अंदर आ, बाहर मोब है।” तो उस टाइम भीड़ घर पर आ गई पूछने के लिए कि ये बेटा किसका है? तो उनके घर में मुझे अच्छी तरह याद है, दो बेटे, एक बेटी और उनका जमाई भी उनके घर में था। उन्होंने कहा कि ये मेरा बेटा है, अभी बाहर से आया है। उन्होंने पूछा- ”मुस्लिम है?” उन्होंने कहा- ”हां।” वो आजतक मैं नहीं भूला।

मैं डेढ़ दिन उनके घर में रहा। मुझे नहीं याद कि वे कौन थे, मुझे कोई डायरेक्शन याद नहीं है। उन्होंने अपने जमाई को भेजा पता करने के लिए कि मेरा भाई ठीक है? वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी बात है, डेढ़ दिन उनके घर पे फ्लोर पे सोना, और वे आपको सुरक्षा कर रहे हैं कि तू हमारा बच्चा है। 1992 से लेकर आजतक हर रमजान के टाइम पर मैं एक रोजा रखता हूं कि उनकी फैमिली भगवान… अल्लाह खुदा तू जो भी है, ऐसे नेक बंदे थे बे, उस दौरान। इंडिया में बड़ी एक पवित्रता है।” वीडियो के इस हिस्से को 24.10 मिनट से सुना जा सकता है।

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