Sunday, December 15, 2024
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क्यों Friday को ही रिलीज होती हैं फिल्में?

SI News Today

Why are movies released only on Friday?

शुक्रवार को फिल्में रिलीज करने का ट्रेंड बरसों से चल रहा है. अधिकतर लोगों का मानना है कि यह कॉन्सेप्ट हॉलीवुड से आया है. हॉलीवुड में फिल्म ‘गॉन विद द विंड’ 15 दिसंबर, 1939 को शुक्रवार के दिन ही रिलीज हुई थी. तभी से हर फिल्म वहां शुक्रवार को ही रिलीज होने लगी. जबकि भारत में 50 के दशक तक फिल्में शुक्रवार को ही रिलीज हों ऐसा नहीं था. फिल्मों को पसंद करने वालों को हर हफ्ते शुक्रवार का इंतजार रहता है.

‘नील कमल’ 24 मार्च, 1947 को सोमवार को रिलीज हुई थी. इसके बाद ऐतिहासिक फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ ऐसी फिल्म थी जो 5 अगस्त, 1960 को शुक्रवार के दिन रिलीज हुई थी. इसके बाद से धीरे-धीरे बॉलीवुड में भी सारी फिल्में फ्राइडे को ही रिलीज होने लगीं. लेकिन आइये जरा जानते हैं फिल्मों के फ्राइडे को रिलीज किये जाने के पीछे क्या कारण हैं? फ्राइडे को वीकेंड की शुरुआत माना जाता है. इसलिये फिल्मों को फ्राइडे के दिन रिलीज किया जाता है. इसका सीधा सा कारण होता है कि हफ्ते के आखिरी में छुट्टी होने के चलते लोगों के पास ज्यादा वक्त होता है. और इसके चलते दूसरे दिनों से ज्यादा दर्शक फिल्म देखने आते हैं. वहीं फिल्मों के नजरिये से देखें तो फ्राइडे को आने वाली फिल्मों को लोगों के बीच जगह बनाने के लिये दो दिन की छुट्टी का वक्त मिल जाता है. साथ ही फिल्म के शुक्रवार को ही रिलीज होने के चलते एक फिल्म को थियेटर में अगले शुक्रवार तक टिके रहने का वक्त मिल जाता है. ताकि फिल्म अगर अच्छी भी न हो तब भी एक हफ्ते में कुछ कमाई तो कर ले.

कुछ कामगारों को साप्ताहिक सैलरी मिलती है. कुछ दूसरे रोजगारों में पहले लोगों को अपनी सैलरी शुक्रवार को ही मिला करती थी. जिसके चलते उनके वीकेंड पर मौज-मस्ती की चीजों पर पैसे खर्च करने की संभावना बढ़ जाती थी. यानि सिनेमा देखने जाने की भी. साथ ही शुक्रवार को रिलीज होने के चलते, लोगों पर उसे देखने के लिये काम का दबाव नहीं होता था और वो आराम से फिल्म देखने जाते थे. सैलरी मिलने के चलते उनके पास पैसे भी होते थे और वे अपने परिवार को भी अपने साथ ले जा सकते थे. कुछ लोग यह भी कहते हैं कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार शुक्रवार का दिन ‘धन की देवी लक्ष्मी’ का दिन होता है जिसके चलते फिल्ममेकर-प्रोड्यूसर फिल्म को शुक्रवार को रिलीज करते हैं ताकि फिल्म अच्छी कमाई करे. फिल्में शुक्रवार की सुबह रिलीज हो जाती हैं और इसके साथ ही उनके रिव्यू भी आ जाते हैं. जिससे लोगों को पता चल जाता है कि यह फिल्म कैसी होगी? इससे खराब फिल्मों पर पैसे खर्च करने से वे बच जाते हैं.

मुंबई में तो एक दौर में ज्यादातर स्मॉल स्केल इंडस्ट्रियों ने अपने कर्मियों को फ्राइडे को ‘हाफ डे’ भी देना शुरू कर दिया था ताकि लोग फिल्म देखने जा सकें. हो सकता है उसी दौर से ये परंपरा और पक्की हो गई हो. ज्यादातर स्कूल, कॉलेज और ऑफिसों में शनिवार और रविवार की छुट्टी होती है. इसलिये चाहे स्टूडेंट्स हों या कामगार सभी आराम से फिल्म देख सकते हैं. शुक्रवार को फिल्म रिलीज होने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है. वैसे डायरेक्टर और प्रोड्यूसर कई बार फ्राइडे वाला ट्रेंड तोड़ते भी रहे हैं. इसमें 2006 में आई राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘रंग दे बसंती’ और सलमान खान की ‘सुल्तान’ जैसी फिल्में भी शामिल हैं. ‘रंग दे बसंती’ बुधवार तो ‘सुल्तान’ गुरूवार को रिलीज हुई थी. ये दोनों ही शुक्रवार को रिलीज नहीं हुईं पर फिर भी हिट रहीं और बढ़िया कमाई भी की.

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