भारतीय विक्रमी संवत के अनुसार नववर्ष का पहला दिन 28 मार्च यानी मंगलवार को है. भारतीय सांस्कृतिक जीवन का विक्रमी संवत् से गहरा नाता है. भारतीय नववर्ष का पहला दिन ही सृष्टि का आरंभ दिवस भी है, यह विश्व की प्राचीनतम कालगणना पद्वति पर आधारित है. ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त प्रचारक धनी राम नोएडा के भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर नववर्ष विक्रमी संवत् 2074 के अवसर पर भव्य मेला और नववर्ष उत्सव का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए.
मलखम्भ, शस्त्र प्रदर्शन, पिरामिड प्रदर्शन, क्लासिकल डांस, ग्रुप डांस और सांस्कृतिक रागिनियों की प्रस्तुति प्रमुख रही. सांस्कृतिक आयोजन का समापन राधाकृष्ण मनोहर झांकी और फूलों की होली के साथ हुआ. मेले का प्रमुख आर्कषण वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित हिन्दू जीवन दर्शन प्रदर्शनी रही. मेला और नववर्ष का समापन कवि सम्मेलन के साथ हुआ, जिसमें हास्य व वीररस के कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा.
मुख्यरूप से प्रताप फौजदार, गजेन्द्र सोलंकी, कविता तिवारी, श्रीकांत शर्मा, चरनजीन चरन, वागीश दिनकर और अर्जुन शिशोदिया ने काव्य पाठ किया. आयोजन में नगर के गणमान्य नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सुशील (विभाग सह संचालक) दिनेश (केन्द्रीय अधिकारी, विश्व हिन्दू परिषद) विनोद (अध्यक्ष, नववर्ष मेला समिति) और सत्यदेव (मीडिया प्रमुख) ने सहयोग दिया. कार्यक्रम का संचालन पदम प्रकाश सिंह (नोएडा महानगर प्रचार प्रमुख) ने किया.