उच्चतम न्यायालय ने उपहार सिनेमा अग्निकांड के दोषी गोपाल अंसल की जेल की सजा में बदलाव संबंधी अर्जी की सुनवाई से आज इन्कार कर दिया। शीर्ष अदालत ने गोपाल अंसल की ओर से पेश हो रहे वकील की दलीलें सुनने के बाद आत्मसमर्पण के लिए कुछ और समय देने का भी अनुरोध ठुकरा दिया।
गोपाल अंसल ने अपने भाई सुशील अंसल के समान सजा में बदलाव की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने हाल ही में गोपाल अंसल को इस मामले में जेल की शेष अवधि की सजा काटने का निर्देश दिया था जबकि उसके बड़े भाई सुशील अंसल को जेल की सजा से राहत मिल गयी थी।
न्यायालय ने सुशील अंसल की उम्र संबंधी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कहा था कि उसने पहले ही जेल की सजा काट ली है। छोटे भाई ने भी इसी तरह की राहत का अनुरोध करते हुए दावा किया है कि उसकी आयु 69 वर्ष की है और अगर उसे जेल भेजा गया तो उसके स्वास्थ्य को अपूरणीय क्षति होगी।
उपहार कांड पीड़ित संघ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के टी एस तुलसी ने गोपाल अंसल की याचिका का पुरजोर विरोध किया था। उनकी दलील दी थी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और पीड़ित संघ की पुनर्विचार याचिका का फैसला आ चुका है और इस फैसले की एक बार और समीक्षा नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि अंसल बंधुओं के स्वामित्व वाले उपहार सिनेमा घर में ‘बॉर्डर’ फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गयी थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गयी थी।