अजमेर ब्लास्ट मामले में फैसला आ गया है। बुधवार (22 मार्च) को इसमें देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को आजीवन कारावास की सजा मिली है। 2007 में हुए अजमेर ब्लास्ट मामले में सजा का ऐलान एनआईए की स्पेशल कोर्ट द्वारा किया गया है।
इससे पहले 8 मार्च को NIA कोर्ट का फैसला आया था। तब तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया था। इस केस में जिन लोगों को दोषी पाया गया था उसमें सुनील जोशी, भावेश और देवेंद्र गुप्ता का नाम शामिल था। सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है। वहीं जिन लोगों को बरी किया गया था उसमें स्वामी असीमानंद के अलावा चंद्रशेखर का नाम शामिल था।
यह ब्लास्ट अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह पर हुआ था। यह हमला 11 अक्टूबर 2007 को हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। वहीं 17 लोग जख्मी हुए थे। 2011 में केस को NIA को सौंप दिया गया था। उससे पहले 2007 तक सिर्फ दो FIR रजिस्टर की गई थी। असीमानंद के अलावा इस केस में देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवी, मुकेश वासनी, भारत मोहन रतेशवर, लोकेश शर्मा और हर्षद सोलंकी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।