प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत अभियान शायद अब लोगों के लिए केवल एक फोटो खींचकर अपने सोशल मीडियो अकाउंट्स पर डालकर महज दिखावा करना रह गया है। ऐसा ही कुछ असम में देखने को मिला है जहां पर असम राइफल यूनिट पर आरोप लगा है कि नागालैंड में मोकुकच्छंग जिला में एक स्कूल की सफाई के दौरान खुद जवानों ने पहले उस जगह को गंदा किया और फिर वहां की सफाई कर डाली। स्थानीय लोगों और स्कूल शिक्षकों ने 44 असम राइफल यूनिट के जवानों से स्कूल परिसर को गंदा करने के लिए मना किया और साथ ही इसका एक वीडियो भी बना लिया जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि स्थानीय स्कूल से जवानों को बच्चों की मदद से स्कूल परिसर की सफाई करने की इजाजत मिल जाती है। इसके बाद आप वीडियो में देखेंगे कि स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरु करने से पहले जवान स्कूल परिसर में कागज के टुकड़े और कुछ अन्य गंदा सामान फैला देते हैं। इससे नाराज स्कूल प्रशासन गुस्सा हो जाता है जिसके बाद असम राइफल का जूनियर कमीश्न्ड ऑफिसर स्कूल प्रशासन को यह कहकर मामला खत्म करने की कोशिश करते हैं कि हमने अन्य स्कूलों में भी इसी प्रकार का कार्य किया था लेकिन स्कूल प्रशासन जवानों की बात से संतुष्ट नहीं हुआ।
शिक्षकों ने जवानों से उनके द्वारा गंदा किया हुआ परिसर साफ कराया और सफाई अभियान का हिस्सा बनने आए बच्चों को वापस अपनी-अपनी कक्षाओं में भेज दिया गया। इस मामले के सामने आते ही असम राइफल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस अभियान के जरिए गंदी जगह को साफ करने की जरुरत है न कि साफ जगह को गंदा कर फिर उसकी सफाई की जाए। मेल टुडे के अनुसार असम राइफल के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल शौकीन चौहान ने कहा कि मामले पर संज्ञान लेते हुए हमने कोर्ट ऑफ एंक्वायरी के ऑर्डर दे दिए हैं।