वोडाफोन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी विटोरिया कोलाओ और आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोडाफोन इंडिया-आइडिया सेलुलर के विलय से अवगत कराया। बताते चलें कि दोनों टेलिकॉम कंपनियों का हाल ही में विलय हुआ है।
यह मीटिंग 45 तक चली। इस दौरान कोआलो और बिरला ने विलय की विस्तृत रूपरेखा समझाई। हालांकि, आदित्य और बिरला ग्रुप ने प्रधानमंत्री से मिलने के प्रश्न पर कोई जवाब नहीं दिया।
सूत्रों के अनुसार, कोआलो और बिरला की पहले टेलिकॉम मिनिस्टर मनोज सिन्हा से मुलाकात हुई। इसके बाद वे प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री को इंडस्ट्री के प्राइस वार से अवगत कराया और सरकार का सहयोग मांगा।
8 महीने की बात के बाद हुआ था विलय
बता दें कि करीब आठ महीने तक चली लंबी बातचीत के बाद वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर का विलय हो पाया। जियो से मिल रही कड़ी टक्कर के बाद टेलीकॉम कंपनियों के लिए ऐसे निर्णय लेना मजबूरी बन गई है।
विलय के बाद आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम ने कहा था, मैं नई कंपनी का चेयरमैन बनकर बहुत खुश हूं। इस विलय के बाद वोडाफोन कंबाइन्ड इनटिटी का 45% अपने पास रखेगी वहीं, आइडिया के पास इसकी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। आगे जाकर आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन का हिस्सा बराबर हो जाएगा।
विलय के बाद कंपनियों ने कहा कि 3जी और 4जी नेटवर्क पूरे देश में जाल की तरह फैलाया जाएगा। विलय के बाद इस कंपनी के पास 40 करोड़ ग्राहक होंगे, जिससे भारत के तीन ग्राहकों में से एक इस कंपनी के ग्राहक होंगे।
ऐसा कहा जा रहा है कि देश में तीन लाख से ज्यादा लोग टेलिकॉम इंडस्ट्री में नौकरी करते हैं, लेकिन अगले 18 महीने की विलय प्रक्रिया के दौरान टेलिकॉम इंडस्ट्री से 10,000 से 25,000 लोगों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। लेकिन कुमार मंगलम ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि कर्मचारियों को हटाए जाने की अभी हमारी कोई योजना नहीं है।