दक्षिणी कश्मीर में रविवार (7 मई) को दो जनाज़े उठे। एक हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी का और दूसरा उसके हाथों मारे गए एक पुलिसकर्मी का। देश के लिए बहादुरी से आतंकियों का सामना करने वाले पुलिसकर्मी अजहर महमूद की अंतिम यात्रा में सिर्फ उसका परिवार और सहकर्मी ही शरीक हुए। मगर वहां से करीब 10 किलोमीटर आतंकी फयाज अहमद ऐशवार के जनाज़े में हजारों कश्मीरी उमड़ पड़े। हजारों की इस भीड़ में आतंकियों का एक समूह भी पहुंचा जिसने खुलेआम एके-47 जैसे हथियार लहराए, जिसकी तस्वीरें आप देख सकते हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आतंकी को दफनाए जाने के दौरान कम से कम चार आतंकी दिखाई दिए। आतंकियों ने अपने साथी को एके-47 से गोलियां चलाकर अपने साथी को सलामी दी।अजहर महमूद व तीन अन्य कश्मीरी नागरिक शनिवार (6 मई) को अनंतनाग में फयाज और उसके तीन साथियों द्वारा किए गए हमले में मारे गए थे। एक सड़क दुर्घटना के बाद ट्रैफिक दुरुस्त करने में लगे पुलिसकर्मी आतंकियों के निशाने पर आ गए। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि आतंकियों ने पहले पुलिसकर्मियों से बंदूके छीनने की कोशिश की। महमूद ने एक आतंकी का गला दबोच रखा था मगर बाकी आतंकियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया।
आतंकी के मौत पर कश्मीर में लहराया गया पाकिस्तान का झंडा (फोटो सोर्स एपी)
पुलिस के मुताबिक, फयाज अहमद पर 2 लाख रुपए का इनाम था। वह 2015 में ऊधमपुर में बीएसएफ कैंप पर हुए हमले में भी शामिल था। पिछले साल हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराए जाने के बाद से ही घाटी में तनाव है। दक्षिणी कश्मीर में आतंकियों के लिए समर्थन देखने को मिल रहा है। पुलिस भी यह मानती है कि आतंकियों से ज्यादा, उन्हें मिल रहा लोगों का सपोर्ट खतरनाक है। कई आतंक-निरोधी अभियानों के दौरान स्थानीय नागरिक सुरक्षा बलों का विरोध करने पहुंच जाते हैं।
आतंकी फयाज के अंतिम संस्कार पर गोलियां चलाकर सलामी देता आंतकी (फोटो सोर्स एपी)
आतंकियों की बढ़ती गतिविधियों पर काबू करने के लिए भारतीय सेना ने बीते गुरुवार (4 मई) से बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया था। जिसमें मानवरहित गाड़ियों और हेलिकाप्टर्स के जरिए आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। जब अभियान खत्म होने को था, तभी आतंकियों ने अचानक हमला कर एक नागरिक को मार दिया और दो जवानों को घायल कर दिया।