बंगलूरू के केम्पेगोडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा में तैनात 200 सीआईएसएफ जवानों ने उत्पीड़न के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 200 जवानों ने इससे पहले खराब खाने, सीनियर अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न और अलाउंसेज का पेमेंट न होने व कई अन्य शिकायतों को लेकर पीएम को पत्र लिख अपनी परेशानियां बता चुके हैं।
हालांकि पीएमओ से कोई जवाब न मिलने के बाद इन जवानों ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया है। खबर के मुताबिक 344 अर्ध सैनिक बलों के जवानों ने पिछले तीन सालों में आत्महत्या कर ली है। यह आंकड़े गृह मंत्रालय के हैं।
इन्हीं आंकड़ों के मुताबिक 15 जवानों ने इसी साल के शुरआती तीन महीनों में आत्महत्या की है। गौर करने वाली बात यह है कि आत्महत्या करने वाले 15 फीसदी जवान सीआईएसएफ के थे। खबर के मुताबिक 25 ऐसे भी मामले हैं जिनमें जवानों ने अपने ही सहकर्मियों की हत्या कर दी या फिर उन पर गोली चलाई। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों में 52 फीसदी यानी 13 जवान सीआईएसएफ के ही थे।
केम्पेगोडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर खराब व्यवस्थाओं को लेकर सीआईएसएफ जवान पिछले काफी समय से शिकायतें कर रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक एक सीआईएसएफ कर्मी ने बताया कि ‘खाने का स्टैंडर्ड बेहद खराब है। बिना शिफ्ट्स ब्रेक के काम करना पड़ता है। हमें न तो घर और न ही ट्रांसपोर्ट अलाउंस मिलता है। यहां तक सीनियर्स दुर्व्यवहार करते हैं। हमारी सैलरी मनमाने ढंग से काट ली जाती है।’