Kalyugi brothers, excluded from the society which had given their own sisters instead of serving the old sick mother.
जबलपुर।
गुरुवार को कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचीं प्रेमसागर महर्षि अरविंद वार्ड निवासी सुनीता और अनीता वंशकार ने बताया कि वह अपनी बूढ़ी मां मुन्नीबाई के साथ प्रेमसागर स्थित मां के मकान में रहती थीं। उसके भाई भगत वंशकार ने जीते जी बीमार मां की न तो सेवा की न दवाई कराई। हमने ही इधर-उधर से कर्ज लेकर मां का इलाज कराया और जिंदगी भर सेवा की। 30 मई को मां का देहांत हो गया। मां के मरने के बाद भाई पूरे मकान में कब्जा कर मकान को बेचना चाह रहा है। हमने जब इसका विरोध कर अपना हक मांगा तो भाई ने समाज के मुखिया के साथ मिलकर हमें समाज से ही बहिष्कृत करवा दिया। कलयुगी बेटे ने एक तो बूढ़ी बीमार मां की सेवा नहीं की। बहनों ने मरते दम तक मां की सेवा की तो मां के मरने के बाद भाई ने बहनों को ही समाज से ही बहिष्कृत करवा दिया। वह भी इसलिए की बहनों ने मां की संपत्ति से हिस्सा मांग लिया था। भाई और समाज के ठेकेदारों द्वारा समाज से बहिष्कृत की गई बहनों ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।
सुनीता वंशकार ने बताया कि भाई ने मकान में कब्जा कर घर से निकाल दिया। सामाजिक बहिष्कार के बाद वह अपनी बड़ी बहन अनीता वंशकार के पास रह रही है। सुनीता, अनीता ने कलेक्टर से समाज के मुखिया सहित सामाजिक बहिष्कार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सुरक्षा प्रदान करने और मकान में उन्हें उनका हिस्सा दिलाए जाने की मांग की है। सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहीं सुनीता, अनीता ने बताया कि मां की संपत्ति का हक मांगने ने समाज के रसूखदारों ने ऐसा फैसला सुनाया कि समाज का कोई व्यक्ति हमसे बात करने तक तैयार नहीं। न कोई बात करता है न सामाजिक कार्यों में बुलाता है।