कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच मंगलवार (23 मई) को हुई झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी को आग लगा दी। वहीं जदयू नेता शरद यादव और सीपीआई नेता डी राजा ने कहा है कि जीप के बोनट पर कश्मीरी युवक को बांधकर घुमाने वाले सेना के मेजर नितिन लीतुल गोगोई को सम्मानित किए जाने से घाटी में तनाव बढ़ेगा। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार यादव ने कहा कि इस मामले में जांच पूरी हुए बिना सरकार द्वारा ऐसा कदम उठाने से कश्मीर में स्थिति और बिगड़ेगी। भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने गोगोई को “उग्रवाद के खिलाफ लगातार संघर्ष” करने के लिए सम्मानित किया है। शरद यादव ने कहा कि भारत सरकार गोगोई को मामले की जांच पूरी हो जाने के बाद सम्मानित कर सकती थी।
सीपीआई नेता डी राजा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “ये भड़काऊ कार्रवाई है, इससे लोगों में अलगाव बढ़ेगा और जम्मू-कश्मीर में हालत बिगड़ेगी।” कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कश्मीरी नौजवान भारतीय सुरक्षा बलों के संग दुर्व्यहार कर रहे हैं, उनके साथ धक्कामुक्की कर रहे हैं लेकिन जवानों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। उस वीडियो को भारतीय सेना के संयम के का नमूना बताकर काफी शेयर किया गया। उसके कुछ ही दिन बाद सोशल मीडिया पर एक दूसरा वीडियो शेयर होने लगा जिसमें एक व्यक्ति सेना की जीप के आगे बंधा दिख रहा है और उसे इसी हालत में जीप के साथ घुमाया जा रहा है।
बाद में सामने आया कि जिस व्यक्ति को जीप में बांधकर घुमाया जा रहा है वो फारूक़ दार है और उसे जीप से बंधवाने वाले मेजर नितिन गोगोई थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद भारतीय सेना पर असंवेदनशीलता के आरोप लगने लगे। हालांकि सेना की जांच में मेजर गोगोई को बेकसूर पाया गया। सेना का पक्ष लेने वालों के अनुसार मेजर गोगोई ने पत्थरबाजों से बचने के लिए फारूक को जीप से बांधा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस मामले की अलग से जांच कर रही है। लेकिन कश्मीर में स्पेशल आर्म्ड फोर्सेज एक्ट (आफ्सपा) लागू होने की वजह से सेना के किसी भी अधिकारी या जवान पर मामला दर्ज करने से पहले केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी होगी। मेजर गोगोई को पहले जीप से बांधने और सम्मानित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर काफी समर्थन भी मिल रहा है। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने भी ट्वीट करके उनकी तारीफ की है।