Monday, December 23, 2024
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कश्मीर हिंसा: पत्थरबाजी की शिकार लड़की ने कहा- अब नहीं करूंगी प्रदर्शन

SI News Today

पिछले सप्ताह जो पुलवामा में सेना द्वारा छात्रों पर बल प्रयोग किया गया उसमें से एक 17 साल की लड़की इकरा भी है। इकरा भी उन्हीं छात्रों में से है जो शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने आई थी। इस हिंसा में इकरा का सिर फ्रेक्चर हो गया है। अस्पताल के बिस्तर पर लेटे-लेटे इकरा सवाल पूछ रही है कि वो तो शांति से अपनी बात रखने आई थी, फिर उस पर पत्थरों से क्यों हमला किया गया। आखिर वो कौन लोग थे, चाहते क्या थे? इकरा उन वजहों की तालश कर रही है।

पिछले हफ्ते पुलवामा में जो कुछ हुआ उससे दो बातें निकलकर सामने आ रही है। पहली बात, छात्रों का कहना है कि वो शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, तभी हथियारों से लैस सेना ने उनके कॉलेज में छापेमारी की। दूसरी बात, सेना का कहना है कि वह एक कला प्रदर्शनी की चर्चा के लिए प्रिंसिपल से मिलने गई थी। सेना की इसी मौजूदगी को गलत समझकर कुछ छात्र पत्थरबाजी करने लगे। छात्रों के मुताबिक, कॉलेज परिसर में हिंसा के 2 दिन बाद सुरक्षा घेरा बनाया गया। पुलिस कहा कहना है कि छात्रों ने लंबे समय तक सुरक्षा घेरा बने रहने के कारण पत्थरबाजी शुरू की। जवाब में पुलिस को आंसूगैस और पेलेट गन से कार्रवाई करनी पड़ी। इसके बाद अगले दिन पुलिस और सेना की कार्रवाई से भड़के अलगाववादी समर्थक कश्मीर स्टूडेंट्स यूनियन ने घाटी के सभी शिक्षण संस्थानों में प्रदर्शन का आह्वाहन किया।

इकरा की हालत अभी अस्पताल में काफी नाजुक बनी हुई है। वो दर्द के कारण ठीक से बोल नहीं पा रही है। इकरा के परिवार में कुल 9 लोग हैं। घर का सारा खर्च उसके पिता उठाते हैं। ऐसे में परिवार पर इलाज के लिए अतिरिक्त खर्च आ गया है। इकरा अब इस घटना से सबक लेते हुए कह रही है कि अब वो कभी किसी प्रदर्शन में भाग नहीं लेगी।

बता दें कि श्रीनगर के लाल चौक पर 17 अप्रैल को पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी घायल हो गया था। श्रीनगर के पुलवामा में छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके थे, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे। मामले की शुरुआत उस वक्त हुई थी, जब पिछले दिनों कुछ छात्रों को पकड़ने के लिए सेना एक डिग्री कॉलेज में पहुंची थी। इसी का छात्र विरोध कर रहे थे।

इसके अगले दिन यानी 18 अप्रैल को प्रदर्शनकारी छात्रों की फिर से सुरक्षाबलों से झड़प हुई थी, जिसमें 60 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं घायल हो गए थे, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्राइमरी स्कूलों को छोड़कर मंगलवार को घाटी के सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पेलेट गन, आंसू गैस और मिर्ची के गोले छोड़े थे। यूनिफॉर्म पहने इन छात्रों ने कुपवाड़ा से सोपोर और श्रीनगर से कुलगाम तक पुलवामा के गवर्नमेंट कॉलेज में पुलिस कार्रवाई का विरोध किया था, जिसमें 50 छात्र घायल हुए थे।

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