पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने अपने मुल्क को फटकार लगाई है। शुक्रवार को मुशर्रफ ने कहा कि कुलभूषण जाधव, 2008 के मुंबई आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले अजमल कसाब से भी बड़ा आतंकी है। पूर्व भारतीय नौसैनिक जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में इसी साल अप्रैल में फांसी की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान का आरोप है कि जाधव भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट है और बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का जिम्मेदार है। पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज से बातचीत में मुशर्रफ ने कहा कि कसाब बस एक ‘मोहरा’ था जबकि जाधव ‘दर्जनों लोगों’ को आतंक के रास्ते पर ले जाने के लिए जिम्मेदार है। मुशर्रफ ने कहा, ”दोनों में से कौन बड़ा अपराधी है? (जाधव और कसाब में से) जाहिर है वो जाधव है। मुझे पता तक नहीं कि वो कितने ज्यादा लोगों की मौत का जिम्मेदार है।” मुशर्रफ ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान की नुमाइंदगी पर अपने मुल्क की सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है।
मुशर्रफ ने कहा, ”भारत का आईसीजे जाना गलत था। पाकिस्तान को भी नहीं जाना चाहिए था। जासूसी और अशांति भारत के आंतरिक मामले हैं, इन पर किसी को भी उनके देश को सलाह की जरूरत नहीं है। मुशर्रफ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र और आईसीजे जैसी वैश्विक संस्थाओं के पास कोई असली ताकत नहीं हैं।
ICJ ने 18 मई को पाकिस्तान को झटका देते हुए कहा था कि मामले में अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाई जाती है। भारतीय नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने रॉ का एजेंट होने और जासूसी करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिसे भारत ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में चुनौती दी थी।
नीदरलैंड के द हेग में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने गुरूवार को कहा था कि भारत को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए था लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनों देश वियना समझौते से बंधे हैं। लिहाजा काउंसलर एक्सेस देना दोनों के लिए अनिवार्य है।