पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सिद्धू के ‘द कपिल शर्मा शो’ छोड़ने से इनकार करने पर कैप्टन कहा, अगर वह शो अभिनय जारी रखने का फैसला करते हैं, तो उनका मंत्रालय बदला जा सकता है।
संसद भवन में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कैप्टन ने कहा, यदि कानूनी प्रावधान सिद्धू के टीवी पर काम करने की इजाजत देते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अटॉनी जनरल का सुझाव इसके खिलाफ है। अमरिंदर ने कहा कि हितों के टकराव की स्थिति में वह सिद्धू का संस्कृति विभाग बदल सकते हैं। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू के पास कैप्टन सरकार में संस्कृति, पर्यटन और संग्राहलय जैसे मंत्रालय हैं। हितों के टकराव के मुद्दे पर कैप्टन ने कानूनी सलाह भी ली है। वहीं, सिद्धू की दलील है कि वह माह में चार दिन शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक काम करते हैं, तो लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। शो पर सेलिब्रिटी जज की भूमिका लाभ का पद नहीं है। मैं शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल की तरह ट्रांसपोर्टर नहीं हो सकता। अपना परिवार चलाने के लिए टीवी शो करता हूं।
क्या कहते हैं अटॉनी जनरल : अटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि संविधान में निजी व्यवसाय को लेकर विधायक या मंत्री को अयोग्य घोषित करने का प्रावधान नहीं है। लेकिन कुछ नैतिक जिम्मेदारी भी होती है, जिसके अनुसार एक लोक सेवक को किसी भी व्यावसायिक गतिविधि से खुद को अलग रखना चाहिए।
कर्ज माफी की मांग उठाई
अमरिंदर सिंह ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली से मुलाकात की। उन्होंने पीएम से पंजाब के किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की। अमरिंदर ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर फसल खरीद के लिए वित्तीय समर्थन मांगा।
नए विवाद में फंसे सिद्धू
नवजोत सिद्धू नए विवाद में फंस गए हैं। वह मंगलवार को अपने विभाग और स्थानीय निकाय की एक आधिकारिक बैठक में पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को साथ ले गए थे। इस दौरान नवजोत कौर ने तमाम अधिकारियों को निर्देश भी दिए।