त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और लोगों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस दौरान आकर्षक ऑफर भी मिलते हैं। इस मौसम में लोगों को बड़ी-बड़ी खरीदारी जैसे, सोना, संपत्ति और गाड़ी खरीदने का सही बहाना मिलता है। हर साल इस समय सोने की मांग बहुत बढ़ जाती है, खास तौर पर लोग गहने बहुत खरीदते हैं। पिछले दशक में इसके सुस्त प्रदर्शन के बावजूद, यह अभी भी एक पसंदीदा निवेश विकल्प बना हुआ है। पिछले पांच साल में सोने की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव को देखने पर पता चलता है कि सोने की कीमत दिसंबर 2012 में 31,523 रुपए प्रति 10 ग्राम से घटकर 27,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गई हैं।
क्या आपको सोने में निवेश करना चाहिए?
सोना को मार्केट-लिंक्ड सिक्योरिटीज जैसे इक्विटी में निहित अस्थिरता से बचाने वाला माना जाता है। भारत सरकार अपने विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से के रूप में सोने का इस्तेमाल करती है जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में सोने की कीमत में काफी अस्थिरता देखने को मिली है जिससे इसमें निवेश करना जोखिम का काम है। लेकिन फिर भी यह प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों में बचाव का बेहतरीन तरीका साबित होता है।
यदि आप गहने के रूप में सोना खरीदना चाहते हैं तो गहने बनाने के चार्ज को ध्यान में रखना न भूलें क्योंकि बेचते समय इसकी वसूली नहीं होगी। इसके अलावा, मूल्य वृद्धि की संभावना पूरी तरह से इस बात पर निर्भर रहती है कि भविष्य में उतने ही परिमाण में सोने के लिए कोई ज्यादा कीमत देगा। लेकिन, यदि आप बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचने के साधन के रूप में सोना खरीदना चाहते हैं तो यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
सोने में निवेश करने के तरीके
लोग त्योहारों के सीजन में गहने या सोने के सिक्के लेना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। आप भौतिक सोना खरीदे बिना ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। आप अपने डीमैट अकाउंट के माध्यम से ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं और उससे मिलने वाला रिटर्न, सोने की कीमत पर आधारित होता है। इसमें सोना चोरी होने का डर नहीं रहता है क्योंकि सोना, डिजिटल रूप में रहता है। डिजिटल रूप में निवेश करने पर आपको एंट्री या एग्जिट लोड के बिना कभी भी सोना खरीदने और बेचने की सुविधा भी मिलती है।