गायत्री प्रजापति मामले में बलात्कार पीड़ित महिला ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उसे डर है कि अस्पताल में भर्ती उसकी बेटी को पागल घोषित कर दिया जाएगा ताकि मंत्री (गायत्री प्रजापति) बच जाएं. गायत्री प्रजापति को पुलिस ढूंढ रही है और अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है जबकि दिल्ली के एम्स में अपनी बेटी का इलाज करा रही पीड़ित कई मोर्चों पर जूझ रही है. उसने एम्स के निदेशक को इस बारे में तीन पेज की शिकायती चिट्टी लिखी है. इस चिट्ठी को पीड़ित ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी भेजा है.
पीड़ित के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि पीड़ित को परेशान किया जा रहा है और इस बारे में उसने यह शिकायती चिट्ठी लिखी है. हम उम्मीद करते हैं कि एम्स निदेशक और प्रधानमंत्री कार्यालय इसे बारे में कदम उठाएंगे.
पीड़ित ने यूपी में अखिलेश यादव सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति पर गैंप रेप करने और उसकी बेटी के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाया है. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद मंत्री और उसके आरोपी साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो पाई. पीड़ित की बेटी का एम्स में इलाज चल रहा है लेकिन उसका आरोप है कि इलाज कर रहे डॉक्टर का व्यवहार उसके साथ ठीक नहीं है.
अपनी चिट्ठी में पीड़ित ने लिखा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की अधिकारी अनीता सिंह ने उसकी अनुमति के बगैर एक घंटे तक उसकी बच्ची से पूछताछ की जबकि बेटी की तबियत ठीक नहीं थी. पीड़ित के वकील का कहना है कि मां और बेटी का बयान मर्जी के बगैर गलत तरीके से लिया गया. इस बारे में संबंधित डॉक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि पोक्सो कानून के नियमों के तहत वह इस बारे में मीडिया से बात नहीं कर सकते. जब जबरन बयान लिए जाने के बारे में सवाल पूछा गया तो डॉक्टर का कहना था कि सारी पूछताछ चिकित्सा अधीक्षक की अनुमति से नियमों के तहत ही की गई है.
उधर पीड़िता ने जांच कर रही पुलिस अधिकारी पर डराने धमकाने और जबरन मोबाइल फोन छीनने का आरोप लगाया है. अपनी चिट्ठी में उसने लिखा है, “मेरे बेटी की हालत यहां की परिस्थितियों के कारण लगातार बिगड़ती जा रही है. मुझे लगता है कि यह लोग मुझे व मेरे बेटी को पागल घोषित कर देंगे ताकि मंत्री बच जाएं.”