भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बुधवार (31 मई) को गुजरात दौरे पर थे। शाह ने राज्य के आगामी विधान सभा चुनाव में 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए उन्होंने एक तरीका भी पार्टी कार्यकर्ताओं को सुझाया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “जब नरेंद्र भाई मुख्यमंत्री थे तो हमने 120 सीटें जीतीं। अब वो प्रधानमंत्री हैं तो हमें 150 सीटें जीतनी चाहिए।” गुजरात विधान सभा में कुल 182 सीटें हैं। इनमें से 121 सीटें भाजपा, 57 कांग्रेस, दो एनसीपी, एक जेडीयू और एक निर्दलीय केप पास है। भाजपा के विजय रूपानी राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। गुजरात में पिछला विधान सभा चुनाव दिसंबर 2012 में हुआ था।
बुधवार को राज्य में पार्टी के “विस्तारक कार्यक्रम” का शुभारंभ करने पहुंचे अमित शाह ने राज्य के छोटा उदयपुर के देवलिया गांव में एक आदिवासी भाजपा नेता के घर पर दोपहर का भोजन किया। अमित शाह ने इलाके के तीन चुनाव मतदान केंद्रों के मतदाताओं के घर-घर जाकर मुलाकात की। भाजपा ने विस्तारक कार्यक्रम के तहत पूरे देश में ज्यादातर मतदान केंद्रों में घर-घर जाकर पार्टी का संदेश पहुंचाने की योजना बनाई है। गुजरात में कुल 48 हजार मतदान केंद्र हैं।
अमित शाह ने जिस इलाके में जनसंपर्क किया उसे कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि बाकी कोई भी सीट जीते या हारें देवलिया नहीं हारना है, मैं खुद आपको मनोबल बढ़ाने के लिए आपके साथ हूं। करीब छह महीने बाद राज्य में विधान सभा चुनाव होने हैं। पिछले एक साल में गुजरात में भाजपा सरकार के खिलाफ पाटीदार (पटेल) आंदोलन और दलित आंदोलन हो चुके हैं। इसलिए पार्टी पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह के गृह राज्य में कोई चुनावी जोखिम नहीं उठाना चाहती।
राज्य में करीब 15 प्रतिशत आदिवासी आबादी है जो राज्य की 27 विधान सभा सीटों पर निर्णायक साबित होती है। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए अमित शाह ने विस्तारक कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासियों को ध्यान में रखकर की होगी। अमित शाह ने देवलिया गांव में भाजपा नेता पोपटभाई वसावा के घर पर लंच किया। शाह के आने से पहले ही पोपटभाई के घर पर एलपीजी स्टोव आया जिस पर शाह का खाना पकाया गया। अमित शाह और बाकी मेहमानों के लिए पोपटभाई के घर के सामने ग्राम पंचायत ने नया शौचालय भी बनवाया। पोपटभाई ने मीडिया को बताया कि एलपीजी गैस और स्टोव उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) होने के कारण मिला है।