शिवसेना नेता तथा राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर यह कहते हुए विपक्षी पार्टियों से सवाल किया है कि गांधी ने 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन की फांसी का विरोध किया था। राउत ने कहा कि गांधी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने मेमन को बचाने के लिए सरकार से अपील की थी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “गांधी ने याकूब मेमन को बचाने के लिए अपने तमाम प्रभावों का इस्तेमाल किया। मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि यह किस तरह की मानसिकता है। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2015 में गांधी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को खत लिखकर मेमन की दया याचिका पर ‘पुनर्विचार’ करने की अपील की थी।
आपको बता दें कि 30 जुलाई को याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद से ही जस्टिस दीपक मिश्रा और इस फैसले में साथ रहे उनके दो साथियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। ऐसा उनकी जान को होने वाले संभावित खतरे को देखकर किया गया था और अब उन्हें धमकी भरा खत मिला है।
जस्टिस मिश्रा समेत बाकी तीन जजों ने याकूब मेमन की फांसी रोकने की अपील याचिका को ठुकराते हुए आधी रात को चली सुनवाई में उनकी फांसी की सज़ा को बरकरार रखा था। गौरतलब है कि जस्टिस मिश्रा, अमिताभ रॉय और प्रफुल्ल पंत ने रात 3 बजे से लेकर सुबह पांच बजे इस मुद्दे पर सोच-विचार कर अपील को ठुकराने का फैसला सुनाया था।
इन जजों ने अपने फैसले में कहा कि मेमन के पास अपनी फांसी की सज़ा को रुकवाने का पर्याप्त समय और मौका दिया गया था और उन्होंने उनकी दी जाने वाली भी कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर लिया था। मेमन को साल 2007 में, 1993 में हुए मुंबई हमले का मुख़्य दोषी करार दिया है, जिसमें करीब 257 लोगों की मौत हो गई थी।