इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीन के इस्तेमाल पर उठ रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग ने शुक्रवार को 55 राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया था। इसमें 7 राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां और 48 राज्य स्तर की छोटी-बड़ी पार्टियां शामिल हुई। इनमें से 16 पार्टियों की मांग है कि चुनाव के लिए फिर से बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाए। बैठक सुबह करीब 10 बजे नई दिल्ली के कॉन्टीट्यूशन क्लब में शुरू हुई, जिसमें चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीन पर प्रजेंटेशन दी। इसके अलावा आयोग ने राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने की खुली चुनौती दी है। इसके लिए दो दिन बाद का समय तय किया गया है।
इस बैठक में ईवीएम की विश्वसनीयता पर चर्चा की गई। यह बैठक पार्टियों को आश्वस्त करने के लिए बुलाई गई है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने हाल ही में एक ईवीएम को हैक करके दिखाया था। हालांकि चुनाव आयोग का दावा था कि वह असली ईवीएम मशीन नहीं थी, बस उसके जैसी दिखने वाली मशीन थी।
कैसे होगा चैलेंज:
हैकिंग का दावा करने वालों को चुनाव आयोग ने परसों बुलाया है।
दो मशीने होंगीं, एक मशीन में डेटा होगा और एक बिना डेटा के होगी।
आयोग दोनों ईवीएम सबके सामने रखेगा।
राजनीतिक दलों के आगे दोनों ईवीएम में गड़बड़ी साबित करने की चुनौती होगी।
मशीन को बिना खोले हैक करना होगा।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) तथा उत्तर प्रदेश की विपक्षी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस साल फरवरी-मार्च में पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिए हुए चुनाव के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उनका यह आरोप दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए नगर निगमों के चुनाव के संदर्भ में भी जारी रहा। आप विधायक सौरभ भारद्वाज दिल्ली विधानसभा के एक विशेष सत्र के दौरान ‘डेमो’ दे चुके हैं कि ईवीएम से किस प्रकार छेड़छाड़ की जा सकती है। हालांकि निर्वाचन आयोग ने आप विधायक के ‘डेमो’ को सिरे से खारिज कर दिया है।