अंतर्राष्ट्रीय दबाव और अमेरिकी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए उत्तर कोरिया ने एक बार फिर रविवार को बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, जिसने लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तक की। दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने यह जानकारी दी।
मून जे-इन के बुधवार को दक्षिण कोरिया का नया राष्ट्रपति बनने के बाद उत्तर कोरिया का यह पहला उकसाने वाला कदम है। एक अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि अमेरिका ने अनुमान लगाया है कि मिसाइल दक्षिणी रूस के व्लादिवोस्तोक क्षेत्र से 60 मील दूर समुद्र में गिरा। व्लादिवोस्तोक रूसी प्रशांत बेड़े का अड्डा है।
अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से उत्तर कोरिया को करारा जवाब देने का आह्वान किया है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने अपने बयान में कहा, “उत्तर कोरिया के इस भड़काऊ कदम को सभी देशों द्वारा उस पर कड़े प्रतिबंध लगाने का आह्वान माना जाए।”
समाचार एजेंसी योनहप ने जेसीएस के हवाले से कहा, “उत्तर कोरिया ने आज (रविवार) सुबह 5.27 बजे के आसपास उत्तरी प्योंगान प्रांत के कुसोंग शहर के नजदीकी इलाके से एक अज्ञात मिसाइल का परीक्षण किया।”
उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के जवाब में राष्ट्रपति मून ने इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने उत्तर कोरिया से अपने रुख में बदलाव लाने को कहा, ताकि बातचीत का रास्ता खुल सके। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सत्र की अध्यक्षता के दौरान मून ने कहा, “उत्तर कोरिया द्वारा अपने रुख में बदलाव के बाद ही बातचीत संभव है।”
मून ने दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए विकसित की जा रही एक मिसाइल प्रणाली की समीक्षा करने के लिए भी कहा। सीएनएन के मुताबिक, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी मिसाइल परीक्षण की निंदा की है। आबे ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चेतावनी के बावजूद एक बार फिर उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।”
आबे के अनुसार, “यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण जापान के लिए गंभीर खतरा है और संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का स्पष्ट उल्लंघन है।”
हाल ही में दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी अधिकारियों ने अप्रैल में उत्तर कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षण को असफल बताया था, जिसके दो हफ्ते बाद यह परीक्षण किया गया है। अमेरिकी प्रशांत कमान के एक प्रवक्ता के मुताबिक, 29 अप्रैल को लांच किया गया मिसाइल उत्तर कोरियाई क्षेत्र में ही फट गया था।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच हालांकि कुछ महीनों से तनाव चरम पर है, लेकिन एक वरिष्ठ उत्तर कोरियाई राजनयिक ने कहा कि वह अमेरिका के साथ सही परिस्थितियों में बातचीत के लिए तैयार है।