जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने जाट आरक्षण की मांग को लेकर सरकार और आंदोलनकारियों के बीच समझौता बातचीत सफल होने के बाद दिल्ली कूच का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज यहां जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की.
उन्होंने बताया कि सरकार पांच मुख्य मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी. बातचीत में केन्द्र सरकार की तरफ से शामिल केन्द्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह और विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने केन्द्रीय स्तर पर जाटों को आरक्षण देने की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने का भरोसा दिलाया.
जिन पांच मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर सहमति बनी है उनमें राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय का फैसला आते ही आरक्षण देने संबंधी विधेयक को लागू करना, आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा कर उन्हें वापस लेना, आंदोलन में मारे गए या विकलांग हुए लोगों के आश्रितों को स्थायी नौकरी देना, घायलों को मुआवजा देना और आंदोलनकारियों के खिलाफ इरादतन कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है.
हालांकि खट्टर ने सीबीआई में दर्ज मामलों को वापस लेने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार साल 2010 से 2017 के बीच दर्ज सभी मुकदमों की समीक्षा करेगी.