लगभग चार लाख कैदियों को आधार कार्ड से जोड़ने के लिए गृह मंत्रालय ने देश भर के जेल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। साथ ही जेल अधिकारियों को जेलों में आने वाले आगंतुकों की पहचान के लिए आधार का उपयोग करने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिलीप कुमार ने हाल ही में राज्य सरकारों और जेलों के महानिदेशक को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है, पूरे देश में 109 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए हैं, जो लगभग 99 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या को कवर करता है। ऐसे में ये महसूस किया गया है कि जेल कैदियों को भी आधार कार्ड होना चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि ” जैसे-इंटरव्यू, पैरोल मुफ्त कानूनी सहायता, जेल में लौटने, परिवहन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा सहित कई सुविधाओं के लिए कैदियों को आधार कार्ड से जोड़ा जाए। बता दें कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2015 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कुल 1,401 जेलों में 4.19 लाख कैदियों के लिए घर की तरह है।
वहीं गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जेल विभागों से कैदियों से मिलने वालों के लिए आधार कार्ड का उपयोग में लाने की सलाह दी है। साथ ही ये भी कहा है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि केवल अधिकृत व्यक्ति ही ऐसी सुविधा का लाभ लें। चूंकि जेल राज्य विषय होता है, ऐसे में UT के राय से संबंधित राज्यों द्वारा उचित तंत्र तैयार किया जा सकता है।