अज़ान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर बॉलीवुड गायक सोनू निगम के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस से शिकायत दर्ज कराई गई है। रज़ा एकेडमी के सचिव मो. सईद नूरी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर कहा है कि सोनू निगम द्वारा अज़ान को ‘गुंडागर्दी’ कहे जाने से लोगों में गुस्सा है। नूरी ने कहा है है कि ‘ये बयान जानबूझकर धार्मिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से दिए गए हैं, यह इस बात से साफ हो जाता है कि सोनू निगम जिस इलाके में रहते हैं, उसके आस-पास कोई मस्जिद नहीं है।’ शिकायत में कहा गया है कि ‘अज़ान को गुंडागर्दी कहना मंजूर नहीं है और इस प्रकार की भाषा समाज में अशांति फैला सकती है।’ औरंगाबाद की ही ‘मिल्लत बचाओ तहरीक कमेटी’ ने भी सोनू के खिलाफ औरंगाबाद एसपी को शिकायत की है। सोनू ने दो दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि ‘ मैं मुसलमान नहीं हूं, फिर मैं मुझे सुबह अजान सुनकर जगना पड़ता है।’
सोनू ने 17 अप्रैल को किए गए ट्वीट्स में कहा, ”ईश्वर सबका भला करे। मैं मुस्लिम नहीं हूं और मुझे सुबह अज़ान के चलते उठना पड़ता है। भारत में यह जबरन धार्मिकता कब खत्म होगी? जब मोहम्मद ने इस्लाम बनाया तब बिजली नहीं थी। एडिसन के बाद भी मुझे यह शोर क्यों सुनना पड़ता है? मैं किसी मंदिर या गुरुद्वारे द्वारा उन लोगों को जगाने के लिए बिजली के उपयोग को जायज नहीं मानता जो धर्म पर नहीं चलते। फिर क्यों? ईमानदारी? सच्चाई? गुंडागर्दी है बस।”
सोनू के इन ट्वीट्स पर विवाद हो गया। मुस्लिम समुदाय के कई नेताओं के सोनू के बयान की निंदा की। पश्चिम बंगाल के एक मौलवी सैयद शा अतेफ अली अल कादरी ने सोनू के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया। उन्होंने फतवे में कहा कि ‘अगर कोई सोनू निगम का सिर मूंड दे और उसके गले में फटे-पुराने जूतों की माला पहनाए, उसे देशभर में घुमाए तो वह उसे 10 लाख रुपए देंगे।’ जिसके बाद सोनू ने बुधवार (19 अप्रैल) को दोपहर दो बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और उसके बाद अपना सिर मुंडवा दिया।
सोनू ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे मुस्लिम विरोधी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ‘मैंने सिर्फ लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया था, धर्म के नाम पर शोर मचाना गुंडागर्दी है।’