प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 31 मार्च तक अघोषित आय की घोषणा की मियाद खत्म होने के पहले 15 दिनों में इनकम टैक्स विभाग ने पूरे देश में छापेमारी में 540 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार इनकम टैक्स अधिकारियों ने नए एक अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष के 15 दिनों में जुटाए आंकड़े कई जगह जांच और छापेमारी की है जिसमें जाली कंपनियां, सरकारी अधिकारियों, रियल एस्टेट कारोबारी और अन्य क्षेत्रों के लिए लोग शामिल हैं।
एजेंसी के अनुसार 15 अप्रैल तक इकट्ठा किए हुए आंकड़ों के आधार पर इनकम टैक्स अधिकारियों ने “250 सर्च और सर्वे ऑपरेशन किए जिनमें 300 जाली कंपनियों पर छापा मारा गया और 540 करोड़ रुपये का काला धन का पता चला।” ये छापमारी काफी अहम है क्योंकि मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अघोषित आय को घोषित करने की पीएमजीकेवाई तीसरी राहत योजना थी। माना जा रहा है कि तीसरी राहत योजना के बाद भी अपनी अघोषित आय को न घोषित करने वालोंके खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी।
नरेंद्र मोदी सरकार ने कालेधन को घोषित करने की पहली राहत योजना इनकम डिक्लरेशन स्कीम (आईडीएस) 2015 में शुरू की थी। उस योजना के तहत व्यक्ति या संस्थाएं अपनी अघोषित आय को करीब 45 प्रतिशत टैक्स देकर सफेद कर सकते थे। आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर रोक के लिए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को उसी रात 12 बजे से बंद करने की घोषणा की थी। सरकार ने बंद किए गए नोटों को 31 दिसंबर तक बैंकों और डाकघरों में जमा कराने या बदलने का विकल्प दिया था।
इनकम टैक्स विभाग के अनुसार नोटबंदी की घोषणा के बाद 28 फरवरी 2017 तक 9334 करोड़ रुपये के कालेधन का पता चल चुका है। हाल ही खबर आयी थी कि इनकम टैक्स कालेधन के खिलाफ जारी “ऑपरेशन क्लीन मनी” का दूसरा चरण शुरू करते हुए देश के 60 हजार कंपनियों और व्यक्तियों को नोटिस भेजने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार इनकम टैक्स ने ये फैसला विभिन्न छापामारियों में बड़े पैमाने पर अघोषित आय सामने आने के बाद लिया है।