पूरे देश में तीन तलाक के मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। वहीं बंगाल के एक गांव में रहने वाली 16 वर्षीय एक लड़की ने अपने पति को तीन तलाक कह दिया क्योंकि उसका पति उसे आगे पढ़ाई करने नहीं दे रहा था। लड़की के इस फैसले का उसके समुदाय के कई लोगों ने स्वागत किया, लेकिन कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया। रिपोर्ट के अनुसार मुल्लिकपुर मंदिरबाजार की रहने वाली मम्पी खातून की 2015 में उसके परिजनों ने शादी करा दी थी। मम्पी की दो बहने और दो भाई हैं, इसलिए जब गांव टेकपंजा से मम्पी के लिए रिश्ता आया तो उसके पिता मना नहीं कर सके। उसके पिता ने सोचा कि इतना अच्छा रिश्ता मिल रहा है तो मम्पी की शादी करा दी जाए।
शादी के बाद मम्पी ने अपने पति और ससुरालवालों से आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर की लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मम्पी दसवीं की परीक्षा देना चाहती थी। उसकी इच्छा थी वह अच्छा पढ़ लिखकर सबका नाम रोशन करे लेकिन उसके ससुरालवालों ने उसपर घर के काम का बोझ डाल दिया। बार-बार पति और ससुरालवालों द्वारा आगे पढ़ाई के लिए मना करने के बाद मम्पी अपने माता-पिता के घर आ गई। उसने अपने परिजनों से कहा कि वह आगे पढ़ना चाहती है और अब वह वापस अपने ससुराल नहीं जाएगी। पिछले महीने मई में मम्पी ने मथुरापुर के कृष्णचंद्रपुर हाई स्कूल में दसवीं में दाखिला लिया है और अपनी पढ़ाई शुरु कर दी है।
इस बारे में जब मम्पी के ससुरालवालों को पता चला तो वे उसके घर पहुंच गए और उसे जबरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन मम्पी के माता-पिता ने ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने अपनी बेटी को सपोर्ट किया और मम्पी के ससुरालवालों से कहा कि हमने बहुत बड़ी गलती की थी अपनी बेटी की इच्छा के विरुध उसकी शादी कर दी। अब वह यही रहेगी और जितना पढ़ना चाहती है उतना पढ़ेगी। मम्पी और उसके परिवार के इस फैसले का कई लोगों ने विरोध किया लेकिन अपने माता-पिता का सपोर्ट पाकर मम्पी काफी खुश हुई। उसने कहा कि मुझे अब किसी की परवाह नहीं है। मलाल युसुफज़ई ने जिस तरह खुद अपनी राह चुनी थी मैं भी उसी तरह अपना मार्ग बनाकर जिंदगी में आगे बढूंगी।