फैजाबाद में एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने मुस्लिम धर्म छोड़कर फिर से हिंदू धर्म अपनाया है। सभी परिवारों को वैदिक हिन्दू धर्म अपनाने की धार्मिक प्रक्रिया पूरी कराई गई। ‘घर वापसी’ करने वालों मुस्लिमों को आर्य समाज और संघ के एक नेता द्वारा आयोजित विशेष पूजन के बाद हिंदू धर्म में वापस शामिल किया गया। आर्य समाज और संघ के नेता का दावा है कि सभी लोगों ने अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाया है, उन पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला गया है। यह मामला रविवार का बताया जा रहा है। अंबेडकरनगर जिले के आलापुर क्षेत्र निवासी दर्जन भर से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू धर्म अपना लिया। यही नहीं इन लोगों का हिंदू नाम भी रखा गया है। हालांकि सुरक्षा कारणों से इन लोगों के नाम को उजागर नहीं किया गया है।
आर्य समाज के प्रधान हिमांशु त्रिपाठी के मुताबिक आर्य समाज संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती के पद्चिन्हों पर चलते हुए परम पिता परमेशिवर की प्रेरणा से बिना किसी लोभ, भय अथवा दबाब के एक दर्जन से अधिक लोगों ने पूर्ण वैदिक विधि-विधान के साथ विशेष यज्ञ पूजन पूर्वक समाज के सम्मानित सदस्यों की उपस्थिति में वैदिक हिंदू धर्म को पुन: अंगीकार कर लिया है। वैदिक विधि-विधान का कार्यक्रम आचार्य शर्ममित्र शर्मा ने सम्पन्न कराया। यज्ञ सम्पन्न होने के वैदिक हिन्दू बने मुस्लिम परिवारों ने प्रसाद ग्रहण किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक मुस्लिम परिवार के मुखिया का कहना है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के हिंदू धर्म स्वीकार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पूर्वज हिंदू थे, लेकिन कुछ लोगों ने दबाव डालकर उनके परिवार को मुस्लिम बना दिया। अब उन्होंने दोबारा हिंदू धर्म में लौटने का फैसला किया है।
क्या है घर वापसी?
घर वापसी कुछ हिंदू संगठनों द्वारा चलाया गया एक धर्मांतरण अभियान है। जिसमें गैर-हिंदुओं का धर्म-परिवर्तन करा कर उन्हें हिंदुत्व में वापस शामिल कराया जाता है। हिंदू संगठनों का कहना है कि इस अभियान के तहत सनातन धर्म से बिछड़कर मुसलमान या ईसाई हो गए लोगों को पुन: सनातन धर्म में लाने की प्रक्रिया है। साल 2014 के अंत यूपी के आगरा में 57 मुस्लिमों की कथित घर वापसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसको लेकर संसद में भी विपक्ष ने हंगामा किया था। इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष ज़ाहिर करते हुए संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने लोक सभा में कहा था, “देश के सभी राज्यों में धर्म-परिवर्तन विरोधी कानून होना चाहिए। सरकार ऐसा कानून लाने के लिए तैयार है।”