रवीक भट्टाचार्य
रविवार (14 मई) को पश्चिम बंगाल में हुए निकाय चुनावों में काफी हिंसा हुई। राजनीतिक दलों के समर्थक खुलेआम हथियार लेकर घूमते देखे गए, मतदान केंद्रों पर बम फेंके गए और मतदाताओं के संग मारपीट की गयी। कुछ जगहों पर मतदान अधिकारियों से छीनकर ईवीएम मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अभी तक किसी के मारे जाने की खबर नहीं आई है लेकिन इस हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं।
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने मीडिया के लोगों के संग भी धक्कामुक्की की। राज्य के इलेक्शन कमिश्नर एके सिंह से मिलने गये कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट के साझा प्रतिनिधि मंडल को उनसे मिले बिना भी वापस आना पड़ा। सिंह पूरे दिन मुलाकात के लिए उपलब्ध नहीं रहे। हिंसा बढ़ने के बाद कांग्रेस ने दमकल के कुल 21 में से 10 वार्डों से मतदान के दौरान ही अपने प्रत्याशी वापस लेने की घोषणा की। बम हमले में दो लोगों के घायल हो जाने के बाद भाजपा ने भी रायगंज में अपने प्रत्याशी वापस ले लिए।
पुजाली में आम लोगों और पुलिस के बीच हिंसा करने वालों पर “कार्रवाई न करने” को लेकर झड़प हो गयी जिसमें करीब आधा दर्जन आम नागरिक और पुलिसवाले घायल हो गये। रविवार को हुए निकाय चुनाव में कुल 67 प्रतिशत मतदान हुआ। जिन तीन नगरपालिकाओं में सर हिंसा की सर्वाधिक घटनाएं हुईं उनमें मतदान का प्रतिशत 74 रहा।
कांग्रेस, भाजपा और सीपीएम ने राजगंज, दमकल और पुजाली में हुए मतदान को बोगस बताते हुए दोबारा मतदान कराये जाने की मांग की है। निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने राज्य में रामनवमी जुलूस निकाला था। पिछले कुछ समय से राज्य में भाजपा के बढ़ते कद से तृणमूल चिंतित है।
दमकल (मुर्शिदाबाद), पुजाली (दक्षिण 24 परगना) और रायगंज (उत्तरी दिनाजपुर) में मतदान शुरू होने के एक घंटे बाद ही हिंसा शुरू हो गई थी। नकाबपोश मोटरसाइकिल सवारों ने हथियार लहराते हुए कई मतदान केंद्रों पर देसी बम फेंके। एक दर्जन से ज्यादा मतदान केंद्रों पर या तो ईवीएम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया या उपद्रवियों ईवीएम छीन ले गये।