8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद नकदी संकट से जूझ रहे देश में एक भारतीय ने चलन से बंद हो चुके पुराने नोटों से बिजली बनाने का दावा किया है। ओडिसा के नुआपाडा जिले में रहने वाले 17 साल के छात्र का कहना है कि वो पुराने 500 के नोटों से बिजली पैदा कर सकता है। छात्र के इस इनोवेशन ने राष्ट्रीय स्तर पर सबका ध्यान खींचा है। वहीं प्रधानमंत्री कार्यलय ने राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को इस प्रोजेक्ट के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए हैं। अपने प्रोजेक्ट के बारे में बात करते खरीअर कॉलेज लक्ष्मण के छात्र डुंडी कहते हैं कि वो एक पांच सौ के नोट से 5 वोल्ट तक की बिजली पैदा कर सकते हैं। डुंडी आगे कहते हैं, ‘पांच सौ के नोट से बिजली पैदा करने के लिए मैंने नोट पर लगी सिलिकॉन की परत का इस्तेमाल किया। इसके लिए नोट को फाड़ दिया जिससे नोट पर लगी परत दिखाई देने लगे। जिसके बाद मैंने नोट को धूप में रख दिया। बाद में मैंने सिलिकॉन की परत को ट्रांसफॉर्मर से जोड़ दिया। छात्र का दावा है कि इससे बिजली पैदा की जा सकती है।’
बता दें कि 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर डुंडी के दावे की सच्चाई जानने के लिए कहा था। 17 मई को राज्य सरकार ने संबद्ध विभाग को लख्मण के प्रॉजेक्ट की स्टडी कर प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा। लक्ष्मण ने बताया कि मैंने एक ट्रांसफॉर्मर बनाया है जो सिलिकॉन प्लेट से पैदा किए गए चार्ज को स्टोर कर सकता है। अगर प्रधानमंत्री कार्यालय मेरे इस इनोवेशन को पसंद करता है तो मेरे लिए गर्व की बात होगी।
लक्ष्मण आगे कहते हैं कि डिमोनीटाइजेशन के बाद, मैंने प्रतिबंधित नोटों का उपयोग करने का अच्छा तरीका खोजने की कोशिश की। मैंने एक नोट फाड़ा तो उसमें सिलिकॉन प्लेट मिली। वहां से मैंने अपना शोध शुरू किया और बिजली पैदा करने में कामयाब हुआ। लक्ष्मण कहते हैं कि उन्हें प्रोजेक्ट के यहां तक पहुंचने में 15 दिनों का समय लगा। लक्ष्मण डुंडी ने अपना यह प्रॉजेक्ट अब तक सिर्फ अपने कॉलेज में दिखाया है। उसने बताया कि जब किसी ने प्रॉजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया तो मैंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। बता दें कि लक्ष्मण एक किसान का बेटे हैं जोकि बल्ब बेचकर परिवार का खर्च चलाने में मदद करते हैं।