प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में शनिवार को गोजातीय पशुओं की लाइव सर्जरी देखेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से इसके लिए यहां से सटे शहंशाहपुर स्थित इंडियन वेट्रनरी रिसर्च इंस्टिट्यू्ट (आईवीआरआई) से आग्रह किया गया था। पीएम इस दौरान यहां पशु आरोग्य का मेले का उद्घाटन भी करेंगे, जहां उनके साथ कई विशेषज्ञ भी उपस्थित होंगे। आईवीआरआई के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि हमें फील्ड सर्जरी टीम भेजने के लिए कहा गया था, जो कि पीएम और उनके दस्ते को पशुओं की लाइव सर्जरी दिखाएगी। बुधवार शाम को नौ सदस्यीय टीम भेजी गई, जिसने पास कुछ उपकरण मौदूज थे। बाकी बचे हुए उपकरण गुरुवार को वहां पहुंचाए जाएंगे।
संस्थान को पीएमओ से इस बाबत कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले, लिहाजा वहां के विशेषज्ञों ने तीन सर्जरी कर के दिखाने का फैसला लिया है। सिंह के मुताबिक, इनमें विशेषज्ञ मीडियन पैटलर डिसरेक्टमी ( लिगामेंट की सर्जरी), बकरी की पथरी निकालने और गोजातीय पशु की रूमेन सर्जरी कर के दिखाई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान कलर डॉप्लर मशीनें, डायग्नोनिस और सर्जरी किटें भी वहां मौजूद रहेंगी। उम्मीद है कि विभिन्न जिलों के व्यापारी अपने तकरीबन 20 हजार पशुओं के साथ इस मेले में हिस्सा लेंगे, जिसमें गाय, भैंस, घोड़े, बकरी, भेड़ और ऊंट भी शामिल होंगे।
राज्य का पशुपालन विभाग इस दौरान मुफ्त में गोजातीय पशुओं के लिए टीकाकरण शिविर लगाएगा। मेले के लिए खासतौर पर विभाग ने 40 लोगों का दस्ता तैयार किया है। विभाग से जुड़े हुए एएन सिंह ने बताया कि हमारा लक्ष्य रोजाना एक हजार पशुओं का टीकाकरण करना है। हमारी टीमें स्वस्थ और स्वच्छ प्रक्रियाओं की इस दौरान तकनीक बताएंगी, जिससे कि पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सके।
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मेले में विशेषज्ञों द्वारा सर्जरी और बाकी चीजें कर के दिखाने से पशुओं के इलाज और उनसे जुड़े टीकाकरण शिविरों को एक नई दिशा मिलेगी, जो गुजरात में भी पहले हो चुके हैं। ये शिविर जिला स्तर पर हर महीने आयोजित कराए जाते हैं। अधिकारियों की मानें, तो ऐसे शिविर साल 2002 में पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए थे। तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।