राम रहीम और हनीप्रीत के संबंधों से ज्यों ज्यों रहस्य का पर्दा हट रहा है। नयी सच्चाई सामने आ रही है। अब जो नया राज खुल कर सामने आया है काफी हैरान कर देने वाला है। पता चला है कि राम रहीम और हनीप्रीत एक बच्चा पैदा करना चाहते थे। दोनों की मंशा थी कि हनीप्रीत राम रहीम का एक औलाद पैदा करे, जो कि बेटा हो। राम रहीम और हनीप्रीत इसी बच्चे को भविष्य में डेरे की कमान देना चाहते थे। रिपोर्ट के मुताबिक ये खुलासा डेरा के एक पूर्व साधक ने किया है। डेरा के कई साधकों और राम रहीम के भक्तों का मानना है कि हनीप्रीत के बाबा की राजदार बनने से पहले उसके साथ भी वही हुआ था जो राम रहीम ने दो साध्वियों के साथ किया था। डेरा के समर्थक बताते हैं कि हनीप्रीत भी राम रहीम के गुफा में रेप का शिकार हुई थी। लेकिन हनीप्रीत कानून का रास्ता अपनाने के बजाय बाबा राम रहीम को ब्लैकमेल करने लगी और इसके एवज में बाबा से जो चाहा वो करवाया।
गुरमीत सिंह के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह और उसके बेटे गुरदास सिंह (सीबीआई के गवाह गुरदास सिंह तूर से अलग व्यक्ति) ने आरोप लगाया है कि उन्होंने हनीप्रीत को गुफा में जाते हुए देखा था। जब हनीप्रीत गुफा से बाहर आई तो वह रो रही थी। गुरदास का दावा है कि वो और उसका एक रिश्तेदार उस दिन गुफा की रखवाली कर रहा था। गुरदास ने कहा, ‘हनीप्रीत गुस्से में थी वो सीधे अपने ग्रैंडफादर के पास मिलने गयी जो कि डेरा में कैशियर था। ये शख्स भी हनीप्रीत के साथ हुए वाकये को सुनकर काफी नाराज था और उसने गुरमीत राम रहीम पर अपना गुस्सा उतारा, लेकिन राम रहीम के गुंडों ने उसे शांत कर दिया।’
बाद में राम रहीम और हनीप्रीत फिर से नजदीक आ गये। इसके बाद दोनों ने डेरा का उत्तराधिकारी तय किया। राम रहीम और हनीप्रीत एक बच्चा पैदा करना चाहते थे। उनके हाथों में वे डेरा की कमान सौंपना चाहते थे। लेकिन पिछले महीने बदले हालात से उनकी सारी योजना फेल हो गई। डेरा के एक पूर्व अनुयायी गुरदास सिंह तूर, जो कि राम रहीम के खिलाफ सीबीआई का गवाह भी है, ने इंडिया टुडे को बताया है कि हनीप्रीत और राम रहीम एक बेटा पैदा करना चाहते थे। तूर ने दावा किया कि राम रहीम और हनीप्रीत डेरे में पति-पत्नी जैसा रहते थे। यही दावा हनीप्रीत के पूर्व पति विश्वास गुप्ता ने भी किया था। तूर ने कहा कि ये हनीप्रीत का ही आइडिया था कि राम रहीम के साथ पैदा हुआ उसका बेटा डेरा का अगला मुखिया बने। हनीप्रीत राम रहीम के अपने बेटे जसमीत सिंह को डेरा का उत्तराधिकारी बनते नहीं देखना चाहती थी।