बाल तस्करी और बाल भिक्षा में संलिप्त लोगों के खिलाफ सरकार ने कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। यही नहीं सरकार ने फैसला लिया है कि बाल भिक्षा के खिलाफ शून्य सहिष्णुता अपनाते हुए अभियान छेड़ा जाएगा।
इस अभियान की शुरुआत अगले माह दिल्ली से की जा सकती है। महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को संसद में कहा कि देश में बाल तस्करी के कई मामले सामने आए हैं। पश्चिम बंगाल में सामने आए इस तरह के एक मामले में सरकार की ओर से कार्रवाई की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने संसद में कहा कि डॉन बॉस्को नेशनल फोरम नाम के एक एनजीओ की ओर से चार साल पहले किए गए सर्वे में सर्वाधिक अनाथ बच्चे दिल्ली की सड़कों पर घूमते हैं। इनकी संख्या 70 हजार के आसपास है।
19 हजार बच्चों के साथ दूसरा स्थान मुंबई का है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि सरकार की ओर से अपने स्तर पर इस तरह का कोई सर्वे नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा कि यह संख्या और अधिक हो सकती है।
यही कारण है कि बाल भिक्षा के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जा रही है। अगले माह से छेड़े जाने वाले अभियान के लिए पुलिस कमिश्नरों के साथ मंत्रालय बैठक करने जा रहा है। इस अभियान के दौरान सड़कों पर जो भी बच्चे भिक्षा मांगते दिखाई देंगे उन्हें ऐसा करने से रोका जाएगा और उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल की जाएगी।
मेनका गांधी ने यह भी कहा कि मंत्रालय की नजर में बच्चों के यौन शोषण के मामले भी सामने आए हैं। इस मुद्दे पर 700 एनजीओ काम कर रहे हैं, जिनकी मंत्रालय मदद कर रहा है। कारा नाम की संस्था गोद लिए गए बच्चों पर उनके साथ हो रहे शोषण के मामलों पर नजर रख रही है।
बच्चों के साथ यौन शोषण के संबंध में चार लाख के करीब फोन कॉल्स मंत्रालय के पास आ चुके हैं। इन सभी पर संज्ञान लिया गया है। ज्यादातर मामलों में बच्चों का यौन शोषण करने वालों में उनकी नजदीकी और करीबी ही निकले हैं।
बच्चों का यौन शोषण रोकने के लिए मंत्रालय ने ई बॉक्स नाम की योजना शुरू की है, जिससे बच्चे के बारे में खुलासा नहीं होगा। ई बॉक्स के जरिए भी 100 से अधिक यौन शोषण की शिकायतें आ चुकी हैं।