फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंच गये हैं. इस दौरान वह पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया समेत प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक बातचीत करेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल वागले ने ट्वीट किया, ‘‘एक अहम अतिथि का स्वागत. फलस्तीन के राष्ट्रपति श्री महमूद अब्बास दिल्ली आए हैं.’’ अब्बास की यात्रा से पहले भारत ने फलस्तीन के मुद्दे पर अपने राजनैतिक समर्थन को दोहराया और कहा था कि वह वहां विकास परियोजनाओं में सहायता जारी रखेगा.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं , पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की समीक्षा का अवसर प्रदान करेगी. मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर कई सहमति पत्रों पर भी यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है. राष्ट्रपति अब्बास और प्रधानमंत्री मोदी के बीच 16 मई को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी.
मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा था, ‘‘भारत और फलस्तीन के बीच ऐतिहासिक रूप से करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. फलस्तीन के मुद्दे को राजनैतिक समर्थन के अलावा भारत तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके फलस्तीन में विकास परियोजनाओं को समर्थन जारी रखेगा.’’
वक्तव्य का महत्व भारत सरकार और इस्राइल के बीच बढ़ती घनिष्ठता पर हो रही टिप्पणियों के मद्देनजर है. कहा जा रहा है कि मोदी की इस्राइल यात्रा का फलस्तीन के साथ भारत के संबन्धों पर असर पड़ सकता है. जुलाई में मोदी इस्राइल की यात्रा करने वाले हैं. वह इस्राइल की यात्रा पर जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बनेंगे.
अपनी भारत यात्रा के दौरान अब्बास नोएडा में सी-डैक :सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग: जाएंगे ताकि फलस्तीन-भारत प्रौद्योगिकी पार्क के बीच सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके. इस पार्क का निर्माण फलस्तीन में भारत द्वारा किया जा रहा है.