यूपी की 17वीं विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हृदय नारायण दीक्षित का निर्विरोध निर्वाचित हो गए है। दीक्षित सदन में पीछे बैठे थे। उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता विरोधीदल राम गोविन्द चौधरी उनकी सीट पर गए और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर बिठाया।
निर्वाचन के बाद दीक्षित कुछ समय के लिए भावुक दिखे, हालांकि उन्होने अपने को संभाला और सभी विधायकों का आभार व्यक्त किया। सभी से सहयोग की अपील भी की। राज्य विधानसभाअध्यक्ष पद के लिए दीक्षित ने कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, विधानसभा में नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रामवीर उपाध्याय, कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू और निर्दलीय रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया की मौजूदगी में नामांकन किया था।
उनके प्रस्तावकों में भाजपा, समाजवादी पार्टी (सपा),बसपा, कांग्रेस, अपना दल और निर्दलीय विधायक शामिल थे। संसदीय नियमों के मर्मज्ञ माने जाने वाले दीक्षित पांचवीं बार विधानसभा के सदस्य चुने गए हैं। वे एक बार राज्य विधान परिषद के भी सदस्य रहे हैं। पहली बार निर्दलीय चुनाव जीते थे। वे उन्नाव के पूर्वा विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे हैं जबकि इस बार उन्नाव के ही भगवंतनगर सीट से चुनाव जीते हैं।
बसपा अध्यक्ष मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल 1995 में वे संसदीय कार्यमंत्री भी रह चुके हैं। राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव और पीठासीन अधिकारी प्रदीप दुबे ने‘यूनीवार्ता’को बताया कि दीक्षित का एकमात्र नामांकन हुआ था इसलिए परिणाम सभी को पता था लेकिन चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नतीजे की औपचारिक घोषणा आज हुई।