बिहार, बंगाल, गुजरात और अब पंजाब में भी तनाव की घटना सामने आ रही है। पंजाब के जलालाबाद में बवाल हो गया। जब बाल्मीकि संघ के बंद का विरोध करने पर व्यापार मंडल के पदाधिकारी के घर के बाहर मरी गाय फेंक दी गई। घटना के बाद इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों की ओर से बाजार बंद का आह्वान किया गया है। विरोध के मद्देनजर बाल्मीकि संघ ने व्यापार मंडल से संपर्क कर बाजार बंद में सहयोग मांगा था।
शुक्रवार को व्यापार मंडल पदाधिकारी जतिंदर पाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पक्ष में बयान दिया। जिससे वाल्मीकि समुदाय के लोग आक्रोशित हो उठे। उन्होंने गाय और कई अन्य जानवरों का शव व्यापारी नेता के घर के सामने फेंक दिया। जिसके बाद व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। यह घटनना शनिवार दोपहर हुई। तीन घंटे तक जाम चला। व्यापार मंडल अध्यक्ष सुरिंदर कथपाल ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा,”हम घर के सामने शवों को फेंकने की घटना की निंदा करते हैं। मगर, हम इलाके में बवाल की जगह शांति चाहते हैं। हमने दुकानदारों से बंद के समय दुकानें बंद रखने की अपील की है। ताकि बाजार में किसी तरह की अशांति न हो।”
उधर तनाव को देखते हुए पुलिस ने व्यापार मंडल और वाल्मीकि संघ पदाधिकारियों को रविवार(एक अप्रैल) को वार्ता के लिए बुलाया।उधर घटना के बाद व्यापारी नेता ने जलालाबाद छोड़ दिया। व्यापार मंडल ने शव फेंकने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी की मांग की। वहीं बाल्मीकि संघ के अध्यक्ष और बीजेपी नेता रोहित रुहेला ने भी कहा कि घर के सामने शव फेंकने की घटना में दोषी को सजा मिलनी चाहिए, हालाकि उन्होंने लोगों से बंद में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन है।