पेट्रोलियम मंत्रालय ने पेट्रोल पंप मालिकों के रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने के फैसले पर आपत्ति जताई है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के कदम से आम जनता को परेशानी होगी। मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोलियम डीलरों के गठजोड़ ने अपने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दिन ईंधन इस्तेमाल न करने की अपील का सहारा लिया है। पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था कि भारत में आयात की निर्भरता को कम करने के लिए कम ईंधन का प्रयोग करें। हम एक दिन के लिए पेट्रोल डीजल का इस्तेमाल न करें। इसका यह मतलब नहीं था कि पेट्रोल पंप मालिक एक दिन के लिए पेट्रोल पंप बंद रखें। पेट्रोल पंप बंद रखने की बात करने वाले ज्यादातर पेट्रोल पंप मालिक दक्षिण भारत के हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इस अपील का मकसद ईंधन संरक्षण से है, यह इसलिए नहीं है कि पेट्रोल पंप मालिक पेट्रोल पंप बंद रखें। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन पहले ही कह चुका है कि वह एक दिन पेट्रोल पंप बंद रखने की प्रक्रिया में शामिल नहीं है। एसोसिएशन का दावा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के 53,224 पेट्रोल पंप उसके सदस्य हैं। दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों (ज्यादातर बेंगलुरु के आसपास) और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से विशेष रूप से मुंबई में 14 मई से प्रत्येक रविवार को पेट्रोल पंप मालिक पेट्रोल पंप बंद रख सकते हैं।
पेट्रोल पंप मालिक पेट्रोल और डीजल पर ज्यादा कमिशन की मांग कर रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि वह डीलरों के एक वर्ग द्वारा रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने के फैसले के पक्ष में नहीं है। इस तरह की पेट्रोल पंप बंदी से आम जनता को काफी असुविधा होगी। इन ट्वीट को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने री-ट्वीट किया है। इनमें यह भी कहा गया है कि प्रमुख डीलर एसोसिएशन इस फैसले के साथ नहीं हैं। बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार ने कहा था कि तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और हरियाणा में करीब 20,000 पेट्रोल पंप हैं और 14 मई से हर रविवार को यह पूरे दिन के लिए बंद रहेंगे।