चुनाव आयोग के बाद इन दिनों सेना राजनितिक पार्टियों के निशाने पर हैं। पिछले कुछ दिनों में सेना प्रमुख जनरल रावत को लेकर एक के बाद एक विवाद सामने आते रहे हैं। ताजा विवाद में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उनकी तुलना सड़के के गुंडे से कर दी जिसके बाद इस मामले ने मीडिया में तूल पकड़ लिया। इसी मुद्दे पर बहस के दौरान एक पूर्व सेना आधिकारी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर सेना से धोखा करने का आरोप लगा दिया। ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने टीवी चैनल की डिबेट में कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय सेना को धोखा देती आई है। मैं 1965 के युद्ध के समय सियालकोट में तैनात था। मेरे ब्रिगेड कमांडर सैयद याकूब मुंशी तब उनसे इंदिरा गांधी ने उनसे देश के नाम पर जनथिवय्या से हटने की चिट्ठी लेे ली थी जिसे बाद में प. नहेरू ने संसद में दिखाया था। हालांकि उनकी इस बात में ऐतिहासिक गलती मालूम पड़ती है क्योंकि 1965 के युद्ध के समय पं नेहरू जीवित नहीं थे उनकी देहांत साल 1964 में ही हो चुका था और 1965 के युद्ध के समय भारत का नेतृत्व भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के हाथों में थी।
इससे पहले संदीप दीक्षित ने अपने विवादस्पद बयान मे कहा था कि खराब तब लगता है कि जब हमारे भी थल सेना अध्यक्ष एक सड़क के गुंडे की तरह बयान देते हैं। पाकिस्तान का दे तो दे, उनकी तो फौज में क्या रखा है साहब। वो तो एक माफिया टाइप के लोग हैं लेकिन हमारे सेना अध्यक्ष भी इस तरह के बयान क्यों देते हैं वो मुझे लगता है। हमारे में सभ्यता है, सौम्यता है, गहराई है, ताकत है। हमारा देश दुनिया के देशों में एक आदर्श देश बनके सामने निकलता है। अगर हम भी फिर इस तरह की हरकत करें तो फिर औच्छी लगती है। हालांकि बयान देने के थोड़ी देर बाद ही संदीप दीक्षित ने मांफी मांगते हुए कहा कि मैं अपना बयान वापस लेता हूं।