किसानों को अल्पावधि फसली कर्ज सात फीसद की सस्ती दर पर मिलता रहेगा। इनमें जो किसान नियमित रूप से सही समय पर अपने कर्ज का भुगतान करते हैं, उन्हें चार फीसद की घटी दर पर यह ऋण उपलब्ध होगा। किसानों के सस्ते फसली ऋण के लिए सरकार ने 20,339 करोड़ रुपए के कोष को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा किसानों को फसल कटाई के बाद अपनी उपज के भंडारण के लिए भी सात फीसद की सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध होगा। यह व्यवस्था छह माह के लिए होगी। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने उनकी पुनर्गठित कर्ज राशि पर पहले साल के ब्याज पर दो फीसद ब्याज सहायता देने का फैसला किया है। ये सभी फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्ष्यता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए। मंत्रिमंडल ने 2017-18 के लिए ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दे दी है। बेहतर कृषि उपज हासिल करने में कर्ज बड़ी भूमिका निभाता है और इसके लिए संस्थागत ऋण उपलब्धता होने से किसानों को महाजनों और दूसरे स्रोतों से ऊंची दर पर कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी फसल ऋण से जोड़ा गया है। इसलिए किसानों को सरकार द्वारा शुरू की गई इन दोनों योजनाओं का लाभ मिलेगा।
किसानों के लिए ब्याज सहायता की यह योजना 2006-07 से चल रही है और अब यह चालू वित्त वर्ष के दौरान भी जारी रहेगी। इस वर्ष के दौरान इस योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) और रिजर्व बैंक द्वारा किया जाएगा। आमतौर पर कृषिऋण नौ फीसद की दर पर होता है, लेकिन सरकार ने किसानों का फसली ऋण घटी दर पर उपलब्ध हो। इसके लिए ब्याज सहायता देती रही है। इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भी फसली ऋण पर दो फीसद ब्याज सहायता जारी रखने का फैसला किया है। यह सहायता तीन लाख रुपए तक के फसली ऋण पर उपलब्ध होगी। इस सहायता के बाद किसानों का सात फीसद की सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। इसके ऊपर समय पर कर्ज का भुगतान करते रहने वाले किसानों को तीन फीसद की अतिरिक्त सहायता भी दी जाती है। इसके बाद मात्र चार फीसद की दर पर फसल ऋण उपलब्ध होता है। रिजर्व बैंक ने अंतरिम उपाय के तौर पर पिछले महीने ही बैंकों को चालू वित्त वर्ष के दौरान भी अल्पकालिक फसली ऋण पर ब्याज राहत जारी रखने को कह दिया था।
सरकार की तरफ से यह ब्याज सहायता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उस स्थिति में दी जाएगी जब वे अपने धन का इस्तेमाल करते हुए ब्याज सहायता उपलब्ध कराएंगे। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को सस्ती राशि उपलब्ध कराने पर नाबार्ड को राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल का सस्ता फसली ऋण जारी रखने का यह निर्णय ऐसे समय आया है जब देश के कई भागों में किसान कर्ज माफी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। खासतौर से मध्य प्रदेश में उनका आंदोलन उग्र हो गया था। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारें पहले ही किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा कर चुकी हैं। सरकार ने कहा कि सस्ते कर्ज का अल्पकालिक फसली ऋण चालू वित्त वर्ष से आधार से जुड़ा होगा। सरकार ने वर्ष 2017-18 के दौरान कृषि ऋण के लिए दस लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया है। पिछले साल यह लक्ष्य नौ लाख करोड़ रुपए था।