पिछले दो दिनों से जिस साइबर अटैक ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है, इसी अटैक के कुछ नए आंकड़ें सामने आए हैं. यूरोपियन पुलिस एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक ने कम से कम 150 देशों में लगभग 200,000 टारगेट्स को निशान बनाया. एजेंसी ने आगे बताया कि जब लोग सोमवार को काम में लौटेगें तब ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.
अलजजीरा की खबर के मुताबिक, यूरोपोल (यूरोपियन पुलिस एजेंसी) के निदेशक रॉब वेनराइट ने ITV के पेस्टन को रविवार के कार्यक्रम में बताया कि हमला अंधाधुंध था. वेनराइट ने बताया कि इस अटैक को बहुत ही ‘यूनिक’ बताया. क्योंकि इसमें रैनसमवेयर को वॉर्म के कॉम्बिनेशन में उपयोग किया गया था. इसका मतलब ये है कि एक कम्प्यूटर का इंफेक्शन ऑटोमैटिकली सारे नेटवर्क तक पहुंच जाता है.
उन्होंने कहा कि इसकी दुनियाभर में पहुंच अभूतपूर्व है. हाल के आंकड़ों के मुताबिक 150 देशों में 200,000 से ज्यादा पीड़ित हैं. इनमें से कुछ व्यापारी हैं तो कुछ बड़े कॉर्पोरेशन हैं.
उन्होंने बोला कि, यूरोप के कुछ प्रभावित हुए हैं. साइबर अपराधियों के सबसे अव्वल टारगेट होने के कड़वे अनुभव से ये मालूम हुआ कि लैटेस्ट साइबर सिक्योरिटी होना कितनी जरुरी है.
वेन राइट ने कहा कि यूरोपोल अमेरिका में इस अटैक में जिम्मेदार लोगों को ट्रैक करने के लिए एफबीआई के साथ काम कर रहा था, इसका मानना है कि इस अटैक में एक से ज्यादा व्यक्ति होने की संभावना है.
उन्होंने ये भी बताया कि साइबर अटैकर्स आमतौर पर अंडरग्राउंड होकर काम करते हैं, जिसकी वजह से इन हमलावरों को या इनके अड्डों को पहचानना मुश्किल हो जाता है.
इसे अटैक को दुनियाभर में अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक माना जा रहा है.