Sunday, September 8, 2024
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हरीश साल्वे से पहले उनके सीनियर ने भी ICJ में पाकिस्तान को दी थी पटखनी

SI News Today

देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीश साल्वे को देश के सबसे महंगे वकीलों में गिना जाता हैं। इंटरनेशनल कोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले में भारत को मिली का सारा श्रेय एडवोकेट साल्वे को जाता है। इंटरनेशनल कोर्ट में साल्वे ने सुनवाई के दौरान इस तरह से दलीलें रखीं कि पाकिस्तान के हर झूठ का पर्दाफाश हो गया। महज एक रुपये में केस लड़कर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारत को जीत दिलाने वाले हरीश साल्‍वे की सोशल मीडिया पर खूब वाह-वाही हो रही है। वहीं पाकिस्‍तान की तरफ से लड़ने वाले खावर कुरैशी के खिलाफ पाक की जनता में रोष है।

सोशल मीडिया पर कुरैशी की खूब आलोचना हो रही है। पाकिस्तान की जनता इस बात पर अपना भड़ास निकाल रहे हैं कि पाकिस्‍तान को अपना पक्ष रखने के लिए 90 मिनट का समय मिला, लेकिन कुरैशी ने केवल 50 मिनट में ही अपनी दलील पूरी कर ली। उनके उलट भारत की तरफ से साल्‍वे ने जबर्दस्‍त ढंग से डेढ़ घंटे के समय में दमदार दलीलें देकर भारतीय पक्ष को खूबसूरती से पेश किया। उनकी मेहनत भी खूब रंग लाई। इस मामले में भारत की जीत हुई। इंटरनेशनल कोर्ट ने अपने फैसले में कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है जब भारत को इंटरनेशनल कोर्ट में जीत मिली हो, इससे पहले भी भारत इंटरनेशनल कोर्ट में अपनी जीत दर्ज करा चुका है।

मालूम हो कि 1999 में ब्रेके ऐटलैंटिक विमान को मार गिराये जाने को लेकर पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस समय भारत की तरफ से केस लड़ रहे पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी की दलीलों के सामने इंटरनेशनल कोर्ट में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी। सोराबजी ने कोर्ट में यह साबित कर दिया था कि पाकिस्तान की ओर से दाखिल किया गया मामला कोर्ट के दायरे में ही नहीं आता है।

दरअसल, कारगिल की जंग खत्म होने के कुछ दिन बाद ही 10 अगस्त 1999 को भारतीय वायुसेना ने कच्छ के रण में एक पाकिस्तानी विमान ब्रेके ऐटलैंटिक को मार गिराया था। पाकिस्तान ने अपनी याचिका में कहा था कि उसकी नेवी के टोही विमान को भारत ने मार गिराया है। पाकिस्तान 21 सितंबर 1999 को भारत के खिलाफ अपनी याचिका लेकर इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचा था। भारत ने अपने जवाब में साफ तौर पर कहा था कि विमान ने भारतीय वायुक्षेत्र में अनाधिकृत ढंग से प्रवेश किया और बार-बार चेतावनी देने के बावजूद वापस नहीं गया।

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