राजस्थान के कोटा स्थित न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 22 वर्षीय हेमराज कुमार की मौत के बाद उसके परिजन चार घंटे तक इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में उसका शव लेकर बैठे रहे। सूचना के अनुसार एक डॉक्टर हेमराज के वेंटिलेटर सपोर्ट को हटाना चाहता था तो उसे ऐसा करने से रोक दिया गया और कहा गया कि वो उसे बिल्कुल भी न छेडें और जल्द ही “वापस” आ जाएगा। हेमराज आठ अप्रैल को सड़क दुर्घटना में घायल हो गया जिसमें उसके सिर में गंभीर चोटें लगी थीं।
अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर आरके मीणा के अनुसार हेमराज के परिवार वाले एक तांत्रिक को लेकर आए और उसे आईसीयू में ले गये और उसके “प्राण वापस लाने” की कोशिश करने लगे। डॉक्टर मीणा के अनुसार, “तांत्रिक के पास तलवार थी। मंत्रोच्चार के बीच उसने आईसीयू में नींबू काटा। लेकिन हेमराच के प्राण वापस नहीं आए। कुछ देर बाद एक आदमी मुर्गा लेकर आया और उसकी आईसीयू में ही मंत्रोच्चार के बीच “बलि” दी गयी। ये सब चार घंटे तक चलता रहा।”
डॉक्टर मीणा के अनुसार अस्पताल के स्टाफ ने बीच में रोकटोक नहीं की क्योंकि मामला “संवदेनशील” था। मीणा ने बताया कि जब हेमराज के परिवार के सभी उपाय बेकार हो गये तो वो दोपहर एक बजे शव ले जाने को तैयार हुए। ये पूछने पर कि क्या अस्पताल ने इसके खिलाफ शिकायत की है डॉक्टर मीणा ने बताया, “हमने पुलिस में शिकायत नहीं की क्योंकि ये उनके लिए भावनात्मक मसला था।”
हेमराज के चाचा बंटी सिंह ने आईसीयू में “बलि” देने की बात से इनकार किया। बंटी सिंह ने कहा, “हमारे कुछ बड़े और मैं अस्पताल के आईसीयू में गये और हेमराज के लिए प्रार्थना की। अस्पताल जो दावे कर रहा है हमने वैसा कुछ नहीं किया।” बंटी सिंह के अनुसार उनके बंजारा समुदाय में हेमराज सबसे पढ़ा-लिखा युवक था।