अंडमान द्वीप पर मंगलवार सुबह सुबह 8 बजकर 9 मिनट पर 5.6 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. यहां भूकंप जमीन से 10 किमी की गहराई मेें आया. इस भूकंप में अभी तक के किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
बीते 31 जनवरी को हिंदू कुश क्षेत्र में आया था भूकंप
इससे पहले बीती 31 जनवरी को हिंदू कुश क्षेत्र में आए भूकंप के झटके पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए थे. भूकंप से लोगों के बीच दशहत फैल गई थी, लेकिन इसका केंद्र जमीन के काफी नीचे होने से क्षेत्र में किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.2 आंकी गई. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी थी. इस मध्यम स्तर के तीव्रता वाले भूकंप से जान-माल की काफी क्षति होने की संभावना थी, इसका केंद्र जमीन के काफी नीचे होने की वजह से संभावित खतरा हालांकि टल गया था.
समूचे उत्तर भारत में महसूस किए गए थे भूकंप के झटके
भूकंप अफगानिस्तान-तजाकिस्तान सीमा पर अपराह्न् 12 बजकर 36 मिनट पर आया था और यह कुछ देर रहा. भारतीय मौसम विभाग के भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भकंप के झटके जम्मू एवं कश्मीर, उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में महसूस किए गए लेकिन भूकंप का केंद्र जमीन के काफी नीचे रहने की वजह से जान-माल की हानि नहीं हुई.
भूकंप का केंद्र जमीन से 190 किलोमीटर नीचे था
भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक वीके गहलोत ने कहा, “भूकंप का केंद्र जमीन से 190 किलोमीटर नीचे था, इसलिए क्षति की संभावना कम हो गई. लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए लेकिन यह क्षति करने के लिए काफी नहीं थे”. उन्होंने कहा कि भूकंप का केंद्र जमीन से काफी नीचे रहने की वजह से जब तक भूकंप के झटके और ऊर्जा धरातल तक पहुंचते-पहुंचते कम हो जाते हैं. गहलोत ने कहा, “भूकंप का केंद्र जितना गहरा होता है, लोग इसे उतने बड़े क्षेत्र में महसूस करते हैं, इसलिए भूकंप के झटके व्यापक स्तर पर महसूस किए गए और इस दौरान झटके का असर कम हो गया”. उन्होंने कहा, “सौभाग्य से भूकंप के केंद्र वाला क्षेत्र कम आबादी वाला क्षेत्र में था, इस वजह से भी जान-माल की हानि बहुत कम हुई”.
थोड़ी देर रोक दिया था मेट्रो का संचालन
भारत में भूकंप के झटके ने लोगों को अपने घरों और कार्यस्थलों से बाहर निकलने को मजबूर कर दिया. भूकंप के बाद दिल्ली मेट्रो को भी थोड़ी देर के लिए अपना संचालन रोकना पड़ा था. श्रीनगर में, एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर के क्षतिग्रस्त होने की खबर आई थी. राजस्थान में, लोगों ने जयपुर, जोधपुर, अलवर, उदयपुर, भरतपुर, और कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए और अपने घरों व कार्य स्थलों से बाहर आ गए थे.