दुनियाभर में पिछले सप्ताह साइबर हैकरों द्वारा किए गए रैनसमवेयर हमले की शिकार जापान की 600 कंपनियां भी हुई हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज हिताची और अग्रणी वाहन निर्माता निसान शामिल हैं। अधिकारियों ने सोमवार को रैनसमवेयर यानी ‘फिरौती वायरस’ साइबर हमले की पुष्टि की। ‘फिरौती वायरस’ एक ऐसा वायरस है जो हैक किए गए डाटा के बदले पैसे की उगाही करता है। फिरौती की रकम नहीं देने पर हैकर डाटा को नष्ट कर देते हैं।
जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम कोऑर्डिनेशन सेंटर के अनुसार, 600 कंपनियों के 2,000 के करीब कंप्यूटर रैनसमवेयर वायरस ‘वानाक्राई’ का शिकार हुए हैं। समाचार एजेंसी एफे ने हिताची के हवाले से कहा है कि रैनसमवेयर हमले के चलते कंपनी की ईमेल सेवा बाधित हुई है। निसान मोटर ने भी वक्तव्य जारी कर कहा कि उनके कुछ संयंत्रों को फिरौती वायरस हमले का निशाना बनाया गया, हालांकि संयंत्रों में कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
ओसाका के सिटी काउंसिल की वेबसाइट सोमवार को सुबह 10.0 बजे क्रैश कर गई और अभी भी वे इसे बहाल करने में लगे हुए हैं।
जापान की वित्तीय सेवा एजेंसी ने इस बीच बैंकों और बीमा सहित सभी घरेलू वित्तीय संस्थानों तथा सुरक्षा संस्थानों से सतर्क रहने के लिए कहा है।
हैकर ‘वानाक्राई’ नाम के फिरौती वायरस के जरिए हमला कर किसी कंप्यूटर में सेव फाइलें ब्लॉक कर देते हैं और फाइलें दोबारा हासिल करने के लिए डिजिटल मुद्रा ‘बिटकॉइन’ में फिरौती की रकम मांगते हैं। इस फिरौती वायरस के हमले का दुनिया के 150 देश शिकार हुए हैं, जिसमें इंग्लैंड की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, फ्रांस और स्पेन की कई बड़ी कंपनियां, जर्मनी का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क, रूस के सरकारी कार्यालय और चीन तथा ताइवान के विश्वविद्यालय शामिल हैं।