एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सबसे ज्यादा सत्ताधारी बीजेपी के सांसद और विधायक शामिल हैं।दूसरे दलों की तुलना में पार्टी ने ऐसे लोगों को ज्यादा टिकट भी दिए। बसपा मुखिया मायावती और तृणमूल कांग्रेस मुखिया ममता बनर्जी ने भी महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के आरोपियों को काफी संख्या में टिकट बांटे।
एडीआर ने कुल 4896 सांसदों और विधायकों में से 4845 लोगों के चुनाव लड़ने के दौरान जमा हलफनामे की जांच की तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। संस्था ने कुल 776 सांसदों में से 768 और4120 विधायकों में से 4077 के हलफनामों का परीक्षण किया। इसमें देश के सभी राज्यों के सांसद-विधायक शामिल रहे। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 33 प्रतिशत यानी 1580 साांसद-विधायकों ने अपने खिलाफ केस दर्ज होने की बात कही, जिसमें से 48 ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले चलने की बात स्वीकार की।
बीजेपी के सबसे ज्यादा 12 सांसद-विधायकों के खिलाफ महिलाओं से जुड़े अपराध के मामले में मुकदमा चल रहा है, दूसरे नंबर पर शिवसेना के सात और फिर तृणमूल कांग्रेस के छह सांसद-विधायक हैं। इसमें कुल 45 सांसद और तीन विधायक हैं। महिलाओं के खिलाफ जुर्म में सबसे ज्यादा 12 सांसद-विधायक महाराष्ट्र के हैं तो दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल के 11 और आंध्र प्रदेश के पांच माननीय हैं। वहीं ओडिशा और आंध्र प्रदेश में पांच-पांच सांसद-विधायक हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 327 ऐसे लोगों को टिकट दिए गए, जिनके खिलाफ महिलाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई चल रही थ। पिछले पांच वर्षों के बीच भाजपा ने 45 ऐसे लोगों को टिकट दिए। वहीं बसपा ने ऐसे 35 और तृणमूल कांग्रेस ने 24 दागियों को चुनाव मैदान में उतारा।चौंकाने वाली बात है कि दुष्कर्म में फंसे 26 नेताओं को भी विभिन्न पार्टियों ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में टिकट दिए।