After Kerala, nipah virus alert in the state!
केरल में निपाह वायरस फैलने से लोग सकते में हैं. केरल में निपाह विषाणु से प्रभावित एक और व्यक्ति की मृत्यु हो गई. इस के साथ राज्य में इस खतरनाक विषाणु से मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई. इस वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ में भी अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर निपाह के संक्रमण के कारण, लक्षण और बचाव संबंधी निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
केरल से वापस आए पर्यटकों को खास तौर पर इससे बचचने की सलाह दी जा रही है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के लोग गर्मियों में केरल जाना पसंद करते हैं. इसी के साथ केरल से कुछ चुनिंदा फलों का आयात भी प्रदेश में होता है. सोमवार को बीएमओ की बैठक में निपाह वायरस से सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. इस वायरस को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है. इसी वजह से गुरुवार शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
क्या होता है निपाह वायरस
निपाह वायरस, मनुष्यों और जानवरों में फैलने वाला एक गंभीर इंफेक्शन है. यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है. निपाह वायरस, हेंड्रा वायरस से संबंधित है, जो घोड़ों और मनुष्यों के वायरल सांस संक्रमण से संबन्धित होता है. यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है. खजूर की खेती करने वाले लोग इस इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आते हैं. 2004 में इस वायरस की वजह से बांग्लादेश में काफी लोग प्रभावित हुए थे.
निपाह वायरस के लक्षण
मनुष्यों में निपाह वायरस, encephalitis से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है. बुखार, सिरदर्द, चक्कर, मानसिक भ्रम, कोमा और आखिर में मौत, इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं. 24-28 घंटे में यदि लक्षण बढ़ जाए तो इंसान को कोमा में जाना पड़ सकता है. कुछ केस में रोगी को सांस संबंधित समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.
कैसे करे इससे बचाव
निपाह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. इसे रोकने के लिए संक्रमित रोगी से दूरी बनाए रखें. स्वास्थ्य कर्मियों को अस्पताल में निपाह वायरस से बचने के लिए संक्रमित मरीजों की देखभाल करते समय या प्रयोगशाला के नमूनों को संभालने और जमा करते समय उचित सावधानी बरतनी चाहिए.