राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से छुट्टी देकर रांची मेडिकल कॉलेज (रिम्स) कॉलेज में भेजे जाने पर मचे बवाल पर एक नई सच्चाई सामने आई है. एम्स ने चिट्ठी जारी कर कहा है कि लालू यादव की मर्जी से उन्हें छुट्टी दी गई है. इतना ही नहीं एम्स की ओर से ये भी कहा गया है कि लालू यादव ने ये तक कहा था कि सोमवार को रांची के लिए राजधानी एक्सप्रेस चलती है, इसलिए यही दिन उनके लिए अनुकूल होगा.
एम्स में 34 दिन रहे लालू यादव
चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव 28 मार्च को रिम्स से एम्स शिफ्ट किए गए थे. वे यहां 34 दिन रहे. सोमवार (30 अप्रैल) को सुबह करीब 11 बजे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एम्स में पहुंचे थे और लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के 2 घंटे बाद लालू यादव को डिस्चार्ज करने की खबर आई.
एम्स प्रबंधन के अनुसार 28 अप्रैल को मेडिकल बोर्ड की जांच में लालू का स्वास्थ्य नियंत्रण में पाया गया. एम्स ने शनिवार को उन्हें डिस्चार्ज करने की सूचना दी थी. लालू के आग्रह पर उन्हें सोमवार तक वहीं रहने दिया. उन्होंने कहा था कि सोमवार को वह हटिया राजधानी एक्सप्रेस से आसानी से वापस जा सकेंगे. लेकिन सोमवार को राहुल से मुलाकात के बाद डिस्चार्ज करने के वक्त हंगामा खड़ा हो गया.
आरजेडी नेताओं ने एम्स में काटा हंगामा
आरजेडी ने आरोप लगाया कि एम्स से जबरन बाहर करवा कर उनके नेता (लालू यादव) की ‘हत्या’ की साजिश की जा रही है जबकि वह कई बीमारियों से जूझ रहे हैं. इससे पहले लालू ने एम्स निदेशक को पत्र लिखकर यह आग्रह किया था कि रांची मेडिकल कॉलेज में गुर्दे के उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं है इसलिए उनको वहां नहीं भेजा जाए और पूरी तरह स्वस्थ होने तक यहां उपचार के लिए रहने दिया जाए.
एम्स ने वक्तव्य में कहा कि लालू को रांची मेडिकल कॉलेज ने ‘घातक स्वास्थ्य स्थिति’ के लिये एम्स रेफर किया था. अस्पताल ने कहा, ‘उनकी हालत फिलहाल स्थिर है और यात्रा करने के लिये फिट हैं.’
अस्पताल ने कहा कि उनकी हालत में ‘उल्लेखनीय सुधार’ हुआ है और उनके इलाज के लिये गठित मेडिकल बोर्ड की सलाह पर उन्हें रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है.
एम्स ने हंगामा के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
एम्स के प्रवक्ता ने अस्पताल में लालू समर्थकों के हंगामे की पुष्टि करते हुये बताया कि अस्पताल प्रशासन ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है. अस्पताल के उप मुख्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार की ओर से हौजखास पुलिस थाने में दर्ज करायी गयी शिकायत में कहा गया है कि लालू समर्थकों ने कांच के एक दरवाजे को भी तोड़ दिया, जिससे वहां तैनात सुरक्षा गार्ड खुर्शीद आलम चोटिल हो गये.
एम्स प्रवक्ता ने बताया कि आयुर्विज्ञान संस्थान में उपचार के बाद लालू की सेहत में काफी सुधार को देखते हुये उन्हें शनिवार को ही अस्पताल से छुट्टी देने का फैसला किया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि लालू ने सोमवार को रांची जाने की इच्छा व्यक्त करते हुये उन्हें दो दिन और एम्स में ही रहने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. लालू का इलाज कर रहे डाक्टरों ने उनकी जांच रिपोर्टों के आधार पर कहा है कि वह अब यात्रा कर सकते हैं.
लालू ने कहा, किसी भी खतरे के लिए एम्स जिम्मेदार होगा
लालू ने एम्स प्रशासन को लिखे पत्र में कहा, ‘अगर मुझे एम्स से रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है और इससे मेरे जीवन पर कोई खतरा पैदा होता है तो इसकी पूरी जवाबदेही आप लोगों की होगी.’
एम्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘उनकी सेहत में बहुत सुधार हुआ है और उनके उपचार के लिए गठित मेडिकल बोर्ड की सलाह पर उन्हें लंबे समय तक चलने वाले उपचार के लिए रांची मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है.’
उधर, राजद प्रवक्ता मनोज झा ने लालू को वापसी रांची भेजने के एम्स प्रशासन के फैसले के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने से कहा, ‘जब लोग राजनीतिक लड़ाई नहीं जीत पाए तो अब स्वास्थ्य से खिलवाड़ का हथकंडा अपना रहे हैं. हम सभी को राजद प्रमुख के स्वास्थ्य की चिंता है.’ लालू प्रसाद चारा घोटाले के सिलसिले में 23 दिसंबर से जेल की सजा काट रहे हैं.
आरजेडी सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने आरोप लगाया, ‘ऐसा लगता है कि उनकी (लालू) हत्या साजिश रची गई है. उन्हें क्यों छुट्टी दी गई है जब वह अभी स्वस्थ नहीं हुए हैं.’
लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर सवाल किया कि ‘लालू जी को वापस रांची भेजने के लिए एम्स प्रशासन पर किसने दबाव बनाया है?