Friday, April 11, 2025
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असदुद्दीन औवेसी का प्रणब मुखर्जी पर हमला! कहा..

SI News Today
Assaduddin Owaisi's attack on Pranab Mukherjee! said..

देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी के नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में शामिल होने पर अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस पार्टी ने दिखा दिया कि इससे उम्मीद नहीं की जा सकती है. शुक्रवार (8 जून) को हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में ओवैसी ने यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस खत्म हो गई. एक इंसान, जिन्होंने कांग्रेस में 50 साल बिताए और भारत के राष्ट्रपति रहे… संघ मुख्यालय गए. क्या आपको अब भी इस पार्टी से कोई उम्मीद है?’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मुखर्जी ने कांग्रेस के तमाम नेताओं के विरोध के बावजूद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों के प्रशिक्षण वर्ग के समापन कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए बीते 7 जून को नागपुर के रेशमबाग स्थित आरएसएस मुख्यालय पहुंचे थे.

औवेसी ने प्रणब मुखर्जी के उस कथन की आलोचना भी की, जो उन्होंने नागपुर में संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के जन्मस्थान पर विजिटर बुक में लिखा था. नागपुर में प्रणब मुखर्जी ने विजिटर बुक में हेडगेवार को भारत मां का सच्चा सपूत बताया था. औवेसी ने कहा, हेडगेवार हिंदू राष्ट्र की बात करते थे. उन्होंने कहा, देश में कांग्रेस और भाजपा एक जैसे हैं. औवेसी ने आरएसएस के दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के किताब बंच ऑफ थॉट्स का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा, गोलवलकर ने क्रिश्चियन और मुस्लिमों को देश के लिए खतरा बताया था.

औवेसी प्रणब मुखर्जी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह जिस मुर्शिदाबाद के क्षेत्र से दो बार जीते वहां 70 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है. औवेसी ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा, पिछले चार साल में देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है. इस दौरान हुए दंगों में 390 लोगों की जान गई है. वहीं 9000 लोग घायल हुए हैं. आप मुझे बताइए कि ये किस तरह की सरकार है.

जिन्ना के सवाल पर औवेसी ने कहा, जो लोग ये कहते हैं कि मुस्लिम अब भी जिन्ना के समर्थक हैं तो मैं कहना चाहूंगा कि हमें जिन्ना से कोई लेना देना नहीं है. मैं तो कहता हूं कि सावरकर और जिन्ना एक जैसे हैं, जिन्होंने सबसे पहले दो राष्ट्र के सिद्धांत को माना. हमने ही जिन्ना को सबसे पहले गेट आउट कहा.

संघ के कार्यक्रम में क्या बोले प्रणब मुखर्जी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार (7 जून) को बहुलतावाद एवं सहिष्णुता को ‘भारत की आत्मा’ करार देते हुए आरएसएस को परोक्ष तौर पर आगाह किया कि ‘धार्मिक मत और असहिष्णुता’ के माध्यम से भारत को परिभाषित करने का कोई भी प्रयास देश के अस्तित्व को कमजोर करेगा. प्रणब दा ने यह बात नागपुर के रेशमबाग स्थित आरएसएस मुख्यालय में कही. उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने सार्वजनिक विमर्श को सभी प्रकार के भय एवं हिंसा, भले ही वह शारीरिक हो या मौखिक, से मुक्त करना होगा.’’ मुखर्जी ने देश के वर्तमान हालात का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘प्रति दिन हम अपने आसपास बढ़ी हुई हिंसा देखते हैं. इस हिंसा के मूल में भय, अविश्वास और अंधकार है.’’

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